Intercontinental Ballistic Missile: उत्तर कोरिया ने हाल के दिनों में मिसाइल परीक्षणों की झड़ी लगा दी है. इन मिलाइल परीक्षणों में से एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) भी ​​शामिल है. इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइल उत्तर कोरिया की अभी तक की सबसे शक्तिशाली मिसाइलों में से एक है. इस मिसाइल के परीक्षण से पहले कई देशों ने प्रतिबंधों के तहत किम जोंग की आलोचना की है. 


रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर कोरिया की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल संयुक्त राज्य अमेरिका के किसी भी कोने में पहुंच सकती है. साथ ही देश की परमाणु शक्ति को और मजबूत करने का सबूत पेश करती हैं. किम जोंग उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों को सबसे तेज़ गति से बढ़ाने रहे हैं. 


यही नहीं, उत्तर कोरिया की मिसाइलों में धरती के किसी भी कोने में लक्ष्य को भेदने की क्षमता है. कोरिया ने ये मिसाइलें कई परीक्षणों के बाद हासिल की हैं. 


परमाणु हथियार बढ़ाने पर फोकस  


न्यू यॉर्क टाइम्स के मुताबिक, उत्तर कोरिया ने इस साल 34 हथियारों का परीक्षण किया, जिसमें बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें तक शामिल हैं. नवंबर में एक ही दिन में इसने 23 मिसाइलें टेस्ट कीं. इसके अलावा कहा जाता है कि उत्तर कोरिया ने साल 2006 से 2017 के बीच छह परमाणु परीक्षण किए हैं. आखिरी के चार परमाणु परीक्षण किम जोंग के कार्यकाल (2011 से अब तक) में ही हुए हैं.  


वहीं, उत्तर कोरिया ने सितंबर 2017 में दावा किया था कि उसने हाइड्रोजन बम हासिल कर लिया है जिसकी विस्फोटक शक्ति 50 से लेकर थी 300 किलोटन है. यह बम 1945 में हिरोशिमा पर गिराए गए बम से 16 गुना अधिक शक्तिशाली है.


उ. कोरिया की अधिक शक्तिशाली मिसाइलें  


रॉयटर्स के मुताबिक, मार्च और नवंबर में, उत्तर कोरिया ने अंतरिक्ष में 6,000 किमी से अधिक की दूरी पर बैलिस्टिक मिसाइलें भेजीं थीं. ऊंची उड़ान भरकर अपने लक्ष्य को भेदने वाली इन मिसाइलों को किसी भी कॉन्टिनेंट तक वार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. 


कम दूरी की मिसाइलें 


हालांकि, युद्ध में लंबी दूरी के हथियारों पर अधिक ध्यान दिया जाता है, लेकिन उत्तर कोरिया कम दूरी की मिसाइलों में भी संसाधन खपा रहा है. 2019 के बाद से, उ. कोरिया ने नई और तेज गति से कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें तैयार की हैं, जिनमें से कई 'मिसाइल डिफेंस सिस्टम' को भ्रमित कर सकती हैं. 


उत्तर कोरिया ने निकाला प्लूटोनियम


न्यू यॉर्क टाइम्स ने कहा है कि उत्तर कोरिया के परमाणु संयंत्र ने सोवियत संघ द्वारा डिजाइन किए गए परमाणु रिएक्टर से विखंडनीय सामग्री निकाली थी. आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के एक अनुमान के अनुसार, यह प्रक्रिया पूरी गति से आगे बढ़ रही है और उत्तर कोरिया के पास अब 40 से 50 परमाणु हथियारों के लिए पर्याप्त विखंडनीय सामग्री है. यह सामग्री एक साल में छह या सात बमों के लिए पर्याप्त उत्पादन कर सकता है.


मिसाइलों के लिए ठोस-ईंधन प्रौद्योगिकी का परीक्षण


समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, उत्तर कोरिया में रॉकेट ईंधन जैसी तकनीक का भी परीक्षण किया जा रहा है. अब कोरिया का ठोस ईंधन पाने पर ज्यादा ध्यान है. इस तकनीक में आईसीबीएम सहित मिसाइलों को थोड़ी सी चेतावनी के साथ लॉन्च करने की अनुमति देता है. 


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