किम जोंग का क्या है इरादा? उत्तर कोरिया ने एक हफ्ते में दूसरी बार किया जासूसी सैटेलाइट सिस्टम का परीक्षण
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ( Kim Jong Un) की ओर से किए गए जासूसी उपग्रह सिस्टम (Spy Satellite System) को लेकर प्रक्षेपण की अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान में सरकारों ने कड़ी निंदा की है.
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un) पर वैश्विक दबाव का कोई असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है. देश के शासक किम जोंग लगातार अपने सैन्य हथियारों और उससे जुड़े उपकरणों का आधुनिकीकरण करने में जुटे हैं. जासूसी उपग्रह (Spy Satellite) लॉन्च करने की तैयारी चल रही है. उत्तर कोरिया (North Korea) ने एक हफ्ते में दूसरी बार बहुत ही अहम जासूसी सैटेलाइट सिस्टम का परीक्षण किया है. इससे दुनियाभर की चिंता बढ़ गई है.
उत्तर कोरिया ने कहा कि उसने टोही उपग्रह प्रणालियों के लिए एक और महत्वपूर्ण परीक्षण किया है. स्टेट न्यूज एजेंसी केसीएनए ने रविवार को इस बारे में जानकारी दी है. उत्तर कोरिया की ओर से बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट किए जाने के एक दिन बाद ही जासूसी उपग्रह को लेकर परीक्षण किए जाने की कई देशों ने आलोचना की है.
उत्तर कोरिया में जासूसी सैटैलाइट सिस्टम का परीक्षण
उत्तर कोरिया के तानाशाह की ओर से किए गए जासूसी उपग्रह सिस्टम (Spy Satellite System) को लेकर प्रक्षेपण की अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान में सरकारों ने कड़ी निंदा की. इन देशों का मानना है कि उत्तर कोरिया आने वाले महीनों में एक प्रमुख हथियार परीक्षण करने की तैयारी कर रहा है. इन देशों का मानना है कि उत्तर कोरिया लगातार अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करने में जुटा है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों द्धारा प्रतिबंध के बावजूद उत्तर कोरिया लगातार बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट (Ballistic Missile Test) और परमाणु हथियारों को लेकर होड़ को जारी रखने की कोशिश कर रहा है.
किम जोंग की क्या है योजना?
उत्तर कोरिया स्टेट न्यूज एजेंसी केसीएनए (KCNA) ने बताया कि उत्तर कोरिया के राष्ट्रीय एयरोस्पेस विकास प्रशासन (NADA) और रक्षा विज्ञान अकादमी ने एक टोही उपग्रह विकसित करने की योजना के तहत प्रक्षेपण किया. उपग्रह उपकरणों का परीक्षण करने के लिए एक हफ्ते में यह दूसरा ऐसा प्रक्षेपण था.
इससे पहले उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट कर इस साल नौवां मिसाइल प्रक्षेपण कर दुनिया को आंख दिखाने की कोशिश की है. केसीएनए ने कहा कि परीक्षण के माध्यम से नाडा (NADA) ने सैटेलाइट डेटा ट्रांसमिशन और रिसेप्शन सिस्टम, इसके कंट्रोल कमांड सिस्टम के साथ अलग-अलग ग्राउंड-आधारित कंट्रोल सिस्टम की विश्वसनीयता की पुष्टि की है.
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