North Korea Missile Test: उत्तर कोरिया लगातार दुनिया को ठेंगा दिखाते हुए मिसाइल टेस्ट (Missile Test) करने में जुटा हुआ है. गुरुवार को एक बार फिर उत्तर कोरिया (North Korea) ने जापान सागर में एक और मिसाइल का परीक्षण किया है. इस साल इसका ये छठा मिसाइल परीक्षण है. अमेरिका से वार्ता के प्रस्तावों की उपेक्षा करते हुए उत्तर कोरिया लगातार सैन्य ताकत को बढ़ाने में लगा हुआ है. इससे पहले उत्तर कोरिया ने इस साल पहला मिसाइल टेस्ट 5 जनवरी को भी किया था. इसके बाद 14 और 17 जनवरी को भी बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic Missiles) टेस्ट किया था. 


उत्तर कोरिया ने फिर किया मिसाइल टेस्ट


आखिरी बार उत्तर कोरिया (North Korea) ने एक महीने में इतने सारे हथियारों का परीक्षण साल 2019 में किया था, जब किम जोंग उन (Kim Jong Un) और तत्कालीन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच हाई-प्रोफाइल वार्ता विफल हो गई थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया ने 6 दिन पहले भी मिसाइल टेस्ट किया था, जनवरी के पहले हफ्ते में जब इसने मिसाइल परीक्षण किया था तो इसे हाइपरसोनिक मिसाइल परीक्षण बताया था लेकिन दक्षिण कोरिया ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया था. लेकिन अब दक्षिण कोरिया की सेना ने पुष्टि की है कि नॉर्थ कोरिया हाइपरसोनिक मिसाइल (Hypersonic Missiles) दागने में सक्षम है.


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किम जोंग उन की अमेरिका को चुनौती


उत्तर कोरिया बिना किसी की परवाह किए मिसाइल टेस्ट करता जा रहा है. अमेरिका ने जवाब में नए प्रतिबंध भी लगाए जिसके बाद उत्तर कोरिया ने गुस्से में जवाब भी दिया था. उत्तर कोरिया ने ये भी संकेत दिया था कि वो परमाणु और लंबी दूरी के हथियारों का परीक्षण फिर से शुरू कर सकता है. अमेरिका ने पिछले हफ्ते मिसाइल टेस्ट को लेकर एकतरफा प्रतिबंध लगाए थे. अमेरिका ने इस प्रतिबंध के तहत 6 उत्तर कोरियाई, एक रूसी और एक रूसी फर्म को रूस और चीन से परीक्षण प्रोग्राम के लिए सामान खरीदने का आरोप लगाते हुए ब्लैकलिस्ट कर दिया था. अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में गुहार भी लगाई थी लेकिन चीन और रूस ने उसके प्रयासों को रोक दिया था. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दक्षिण कोरिया और अमेरिका के खुफिया अधिकारी इन प्रक्षेपणों का विश्लेषण कर रहे हैं.


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