North Korea-US Relations: नॉर्थ कोरिया (North Korea) ने शुक्रवार (8 सितंबर) को दावा किया कि उसने कथित परमाणु हमला करने वाली पनडुब्बी का निर्माण कर लिया है जिस पर वह वर्षों से काम कर रहा था. इस कदम को नॉर्थ कोरियाई राष्ट्रपति किम जोंग उन (Kim jong un) ने परमाणु-संपन्न नौसेना बनाने के अपने प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण बताया है, जिसे वह अमेरिका और उसके एशियाई सहयोगियों का मुकाबला करने के लिए विकसित करने का दावा करते हैं.


नॉर्थ कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) ने बताया कि हीरो किम कुन ओके नामक पनडुब्बी को पानी के भीतर से सामरिक परमाणु हथियारों का उपयोग करने के लिए बनाया गया है. पनडुब्बी को लेकर यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह कितने मिसाइलों को ले जाने और दागने में सक्षम है.


परमाणु पनडुब्बी के परीक्षण से संतुष्ट
नॉर्थ कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) ने बताया कि बुधवार को परमाणु पनडुब्बी के जलावतरण समारोह और गुरुवार (7 सितंबर) को इसके निरीक्षण के दौरान किम ने संतोष व्यक्त किया कि देश ने अमेरिका के उन्नत नौसैनिक हथियारों का मुकाबला करने के लिए अपनी परमाणु हमले करने में सक्षम पनडुब्बी हासिल कर ली है. अमेरिका ने साल 1980 के दशक के बाद पहली बार जुलाई में नॉर्थ कोरिया में परमाणु हमला करने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी को तैनात किया था.


परमाणु-सक्षम सेना का निर्माण जरूरी
नॉर्थ कोरिया के तानाशाह कहे जाने वाले किम जोंग ने कहा कि देश एक और परमाणु-संचालित पनडुब्बी पर भी काम कर रहा है और अपनी मौजूदा पनडुब्बियों तथा जहाजों को अपडेट करने की योजना बना रहा है, जिससे वे परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के लिए सक्षम हो जाएं. उन्होंने परमाणु-सक्षम सेना के निर्माण को अति आवश्यक बताया है.


पनडुब्बी में कम से कम 10 लॉन्च ट्यूब
नॉर्थ कोरियाई राज्य मीडिया ने किम जोंग उन की टिप्पणियों और तस्वीरों के आधार पर यह संभावना जताई है कि ये पनडुब्बी वही है, जिसका किम ने 2019 में निरीक्षण किया था. उस वक्त ये पनडुब्बी निर्माणाधीन था, जिसे विशेषज्ञों ने मौजूदा रोमियो-श्रेणी की पनडुब्बी को बदलने का आशंका जताई थी.


ऐसा प्रतीत होता है कि पनडुब्बी में कम से कम 10 लॉन्च ट्यूब हैं - उनमें से चार साफतौर  अन्य छह से बड़ी हैं,जो संभवतः मिसाइलों के लिए डिज़ाइन की गई हैं. कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के विशेषज्ञ अंकित पांडा ने कहा कि नॉर्थ कोरिया की परमाणु पनडुब्बी 1950 के दशक की सोवियत मूल की तकनीक पर आधारित है. 


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