Kim Jong Un Visit Russia: नॉर्थ कोरिया (North korea) के तानाशाह किम जोंग उन (Kim jong un) रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (vladimir putin) से मुलाकात करने के लिए रूस के दौरे पर हैं. आपको बता दें कि किम जोंग उन अपनी निजी ट्रेन से रूस के लिए रवाना हुए थे. वो रूस के बंदरगाह शहर व्लादिवोस्तोक में पुतिन के साथ मुलाकात करेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन और किम के बीच हथियारों को लेकर बड़ी डील हो सकती है, जिसका इस्तेमाल पुतिन यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में कर सकते हैं.


रॉयटर्स के रिपोर्ट के मुताबिक आर्मी विश्लेषकों का कहना है कि अगर नॉर्थ कोरिया यूक्रेन में युद्ध के लिए रूस को तोपखाने के गोले और अन्य हथियार मुहैया कराता है, तो इससे क्रेमलिन बलों को गोला-बारूद के अपने घटते भंडार को बढ़ाने में मदद मिल सकती है. हालांकि, इससे संघर्ष का रुख बदलने की संभावना नहीं की जा सकती.


नॉर्थ के पास हथियारों का भंडार
नॉर्थ कोरियाई नेता किम जोंग उन मंगलवार (12 सितंबर) को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक के लिए रूस पहुंचे, जहां अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों पक्ष हथियार समझौते पर आगे बढ़ेंगे. ऐसा माना जाता है कि नॉर्थ कोरिया के पास तोपखाने के गोले और रॉकेट का एक बड़ा भंडार है, जो सोवियत काल के हथियारों के साथ मेल खाता है.  


इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के एक रक्षा शोधकर्ता जोसेफ डेम्पसी ने कहा कि नॉर्थ कोरिया के पास मौजूदा गोले बारूद और रॉकेटों के भंडारों में गिरावट की संभावना कम है. ये हथियार रूस में खत्म हो चुके भंडार को फिर से भरने में मदद कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह से संघर्ष को लंबा खींचा जा सकता है, लेकिन युद्ध के परिणामों में किसी भी तरह के बदलाव आने की संभावना नहीं है.


यूक्रेन और रूस दोनों ने भारी संख्या में गोले खर्च किए हैं और अपने गोला-बारूद भंडार को फिर से भरने के लिए दुनिया भर के सहयोगियों और भागीदारों की ओर देख रहे हैं. एक पश्चिमी अधिकारी के मुताबिक रूस ने पिछले साल यूक्रेन में 10-11 मिलियन राउंड फायरिंग की थी.


अमेरिका के गोला-बारूद एडवांस्ड
अमेरिका ने यूक्रेन को जो गोला-बारूद दिया हैं, वो एडवांस्ड हैं. इनमें एक्सकैलिबर शामिल है,  जो 40 किमी (25 मील) दूर से 3 मीटर (10 फीट) तक के छोटे लक्ष्य को मारने के लिए GPS सिस्टम और स्टीयरिंग फिन का इस्तेमाल करता है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के सीमन वेज़मैन ने कहा नॉर्थ कोरिया के पास कम एडवांस गोले हैं. हालांकि, इसके बावजूद वो लंबे समय तक रूस को गोले बारूद देने में सक्षम साबित हो सकता है.


अमेरिका ने कहा कि रूस नॉर्थ कोरिया से  लाखों तोपखाने के गोले और रॉकेट खरीदना चाहता है. रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से बड़े पैमाने पर तोपखाने ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. कुछ विश्लेषक तोपखाने को युद्ध का राजा कहते हैं.


नॉर्थ कोरिया के गोला-बारूद की क्वालिटी
रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट में ब्रिटिश सेना के साथी पैट्रिक हिंटन ने एक हालिया रिपोर्ट में कहा, "सही ढंग से इस्तेमाल किया गया तोपखाना दुश्मन की इच्छाशक्ति और एकजुटता को चकनाचूर कर सकता है, जिससे जमीन को जब्त करने का महत्वपूर्ण अवसर मिलता है. हिंटन ने रॉयटर्स को बताया कि उत्तर कोरियाई तोपखाने के गोले में क्वालिटी एक सबसे बड़ा सवाल है.


उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि साल 2010 में नॉर्थ कोरियाई सेना ने साउथ कोरियाई द्वीप येओनपयोंग पर लगभग 170 गोले दागे थे, जिसमें मात्र चार लोग मारे गए थे.उन्होंने कहा, "खराब तरीके से बनाए गए गोला-बारूद का प्रदर्शन सही नहीं होता है. इसके सटीकता में कमी आ जाती है.  खराब क्वालिटी वाले गोला फ्यूज समय से पहले काम करना बंद कर सकते हैं.'


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