North Korea Missile: नॉर्थ कोरिया ने दो न्यूक्लियर मिसाइल को किया टेस्ट, साउथ कोरिया को दिया मैसेज
North Korea: दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि सेना हाई अलर्ट पर है और देश की खुफिया एजेंसी लॉन्च की बारीकियों का विश्लेषण करने के लिए अपने अमेरिकी समकक्ष के साथ काम कर रही है.
North Korea Missile Launch: नॉर्थ कोरिया (North Korea) एक परमाणु हथियारों से लैस देश है. किम जोंग उन शासित देश ने रविवार (12 मार्च) को दो क्रूज मिसाइलों का परीक्षण किया. उन्होंने ये परीक्षण एक पनडुब्बी से किया. ये परीक्षण अमेरिका-दक्षिण कोरिया सैन्य अभ्यास शुरू होने से ठीक पहले किए गए, इस बात की पुष्टि करते हुए स्टेट न्यूज़ एजेंसी केसीएनए ने सोमवार (13 मार्च) को जानकारी दी.
स्ट्रेटेजिक मिसाइल वैसे हथियारों को कहते है, जिसमें न्यूक्लियर क्षमता मौजूद होती है. केसीएनए ने जानकारी देते हुए कहा कि नॉर्थ कोरिया ने न्यूक्लियर पनडुब्बी के नीचे आक्रामक मिसाइल संचालन का परीक्षण किया.
हमले के मूड में मिसाइलों का परीक्षण
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि सेना हाई अलर्ट पर है और देश की खुफिया एजेंसी लॉन्च की बारीकियों का विश्लेषण करने के लिए अपने अमेरिकी समकक्ष के साथ काम कर रही है. दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी सैनिकों को 11 दिनों का संयुक्त अभ्यास सोमवार यानी 13 मार्च से शुरू होने वाला है, जिसे फ्रीडम शील्ड 23 नाम दिया गया है. ये संयुक्त अभ्यास साल 2017 के बाद आयोजित किया जा रहा है.
ये अभ्यास दोनों सहयोगी देशों की संयुक्त रक्षात्मक क्षमता को दिखाएगा. वहीं नॉर्थ कोरिया लंबे समय से हमले के मूड में मिसाइलों का परीक्षण करता रहता है. इसने पिछले एक साल में रिकॉर्ड संख्या में मिसाइल परीक्षण और अभ्यास किया है. ये अपने परमाणु क्षमता को बढ़ावा देने और अधिक हथियारों को पूरी तरह से चालू रखने की कोशिश करता है.
किम जोंग उन ऑर्डर दे चुके है
केसीएनए के रिपोर्ट के मुताबिक नॉर्थ कोरिया ने स्ट्रैटेजिक क्रूज मिसाइलों को रविवार तड़के कोरिया के पूर्वी तट के पास पानी में 8.24 योंगंग नाम के पनडुब्बी से दागा. समुद्र के अंदर टारगेट को हिट करने से पहले मिसाइल ने लगभग 1,500 किलोमीटर (932 मील) की दूरी तय की. नॉर्थ कोरिया के पास एक बड़ा पनडुब्बी बेड़ा है लेकिन 8.24 योंगंग एकमात्र बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी है. वहीं इसे पहले नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग उन ने सेना को ऑर्डर दिया था कि जरूरी हो तो वास्तविक युद्ध को रोकने और जवाब देने के लिए अभ्यास तेज करें.