उत्तर कोरिया ने फिर किया बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट, ट्रंप ने कहा देख लेंगे
साउथ कोरिया की न्यूज एजेंसी द्वारा जारी खबरों के अनुसार दक्षिणी प्योंगसोंग में मिसाइल का परीक्षण किया गया. जापान की क्योदो समाचार एजेंसी ने इस संबंध में जापानी अधिकृत सूत्रों के हवाले से जानकारी प्रकाशित की है.
नई दिल्ली: अमेरिका की लगातार चेतावनी के बावजूद उत्तर कोरिया ने मंगलवार को एक और मिसाइल का परीक्षण कर दिया. जापान सागर में दागी गई इस मिसाइल का धमाका दूर तक महसूस किया गया है. ये परीक्षण नॉर्थ कोरिया की ओर से अमेरिका को सीधी चेतावनी मानी जा रही है.
ट्रंप ने नॉर्थ कोरिया को 'देख लेने' की धमकी दी उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण पर अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया आई है, ट्रंप ने कहा है कि वो उत्तर कोरिया को देख लेंगे. नॉर्थ कोरिया के मिसाइल टेस्ट पर ट्रंप ने कहा, ''आप लोगों ने सुना होगा उत्तर कोरिया ने मिसाइल लॉन्च की है. मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि मैं नॉर्थ कोरिया को देख लूंगा. उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट के बाद हमने लंबी चर्चा की है, हम इससे निपट लेंगे.'' सरकार और सेना को फंडिंग जरूरी: ट्रंप एक अन्य ट्वीट में ट्रंप ने कहा, ''उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण के बाद सरकार और सेना को फंडिंग सबसे ज्यादा जरूरी है. डेमोक्रेट्स अब अवैध घुसपैठियों के लिए सेना की फंडिंग को प्रभावित ना करें. मैंने अवैध घुसपैठ का मुद्दा उठाया और बड़ी जीत हासिल की.'' 6 मिनट बाद द. कोरिया ने भी किया टेस्ट उत्तर कोरिया की ओर से मिसाइल परीक्षण के छह मिनट बाद दक्षिण कोरिया ने भी समंदर में मिसाइल दागे और मारक क्षमता का परीक्षण किया. उतर कोरिया ने एक हजार किलोमीटर तक सतह से सतह तक मार करने वाली तीन मिसाइलों का परीक्षण किया है.द. कोरिया ने जतायी थी आशंका दो दिन पहले ही जापान ने रेडियो संकेतों से उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण के अंदेशा जताया था, जिसे सनकी तानाशाह ने सही साबित कर दिया. दक्षिण कोरिया के आर्मी चीफ के खुलासे के बाद अमेरिका ने किम जोंग को इस करतूत पर चेतावनी दी है. अमेरिका ने अपने बयान में किंग जोंग को सबक सिखाने के लिए दुनिया के देशों से एकजुट होने की अपील की है.
उधर, दक्षिण कोरिया में भारत के राजदूत विक्रम दुरईस्वामी ने भी इस मिसाइल परीक्षण को दुनिया की शांति के लिए खतरा बताया है. उत्तर कोरिया की बैलिस्टिक मिसाइल की मारक क्षमता का अब तक पता नहीं लग सका है. लेकिन इसे किम जोंग के टारगेट अमेरिका के प्लान का ही खतरनाक कदम माना जा रहा है.