North Korea News: उत्तर कोरिया में परमाणु हमले की ऑटोमैटिक इजाजत देने वाला कानून पास, ऐसे हालात में आएगा काम
North Korea: उत्तर कोरिया लगातार हथियारों का परीक्षण कर रहा है. अब उसने एक ऐसा कानून पास किया है जो उसे स्वाचालित रूप से परमाणु हमला करने की अनुमति देता है.
North Korea New Law: उत्तर कोरिया (North Korea) ने एक ऐसा कानून पास किया है जो उसकी हिफाजत के लिए परमाणु हमला (Nuclear Strike) करने की इजाजत देता है और उसे परमाणु-सशस्त्र देश (Nuclear-Armed State) के रूप में अटल (Irreversible) घोषित करता है. समाचार एजेंसी एएफपी ने उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया के हवाले से यह जानकारी दी. रिपोर्ट में कहा गया कि यह घोषणा ऐसे समय की गई जब उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया (South Korea) के बीच संबंध टूट रहे हैं. दरअसल, प्योंगयांग (Pyongyang) ने सियोल (Seoul) पर उसके क्षेत्र में कोरोना (Coronavirus) फैलाने का आरोप मढ़ा है और वह इस साल रिकॉर्ड संख्या में हथियारों (Weapons) का परीक्षण कर रहा है.
आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर कोई देश प्योंगयांग के लिए आसन्न खतरा बन जाता है तो यह कानून उसे हिफाजत के लिए और दुश्मन ताकतों को तुरंत नष्ट करने के लिए स्वचालित रूप से परमाणु हमला करने की इजाजत देगा.
क्या कहा किम जोंग उन ने?
तानाशाह किम जोंग उन ने सरकारी मीडिया से कहा है कि नए कानून के साथ परमाणु हथियार संपन्न देश के रूप में उत्तर कोरिया की स्थिति अपरिवर्तनीय हो गई है. किम जोंग उन ने जुलाई में कहा था कि उनका देश अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ किसी भी युद्ध के लिए परमाणु क्षमता को संगठित करने के लिए तैयार है. किम जोंग उन ने कहा था प्योंगयांग वाशिंगटन का मुकाबला करने के लिए जरूरी परमाणु हथियारों को कभी नहीं छोड़ेगा.
जनवरी से उत्तर कोरिया ने जिन हथियारों का परीक्षण किया है, उनमें अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल भी शामिल है. वाशिंगटन और दक्षिण कोरिया के अधिकारी बार-बार यह चेतावनी देते रहे हैं कि उत्तर कोरिया अपना सातवां परमाणु परीक्षण करने की तैयारी कर रहा है. वहीं, अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते वाशिंगटन और प्योंगयांग के बीच परमाणु वार्ता 2019 से बंद है.
दक्षिण कोरिया की पेशकश का उड़ाया मजाक
सियोल ने पिछले महीने प्योंगयांग को एक सहायता योजना की पेशकश की थी जिसमें परमाणु हथियार कार्यक्रम को छोड़ने की शर्त पर भोजन, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे की मदद देने की बात कही गई थी. प्योंगयांग ने इस पेशकश को बेतुकेपन की पराकाष्ठा बताकर ठुकरा दिया था. उसने कहा था कि उत्तर कोरिया कभी इसे स्वीकार नहीं करेगा.
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