North Korea: नॉर्थ कोरिया के एक और मिसाइल परीक्षण से उड़ी जापान-साउथ कोरिया की नींद, इस बार है ये खतरनाक मकसद
Kim Jong Un: उत्तर कोरिया ने इस साल काफी संख्या में मिसाइल परीक्षण किए हैं, जिसमें अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) भी शामिल है, जिसका उद्देश्य अमेरिका की मुख्य भूमि तक पहुंचना है.
North Korea-South Korea Conflict: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने एक बार फिर जापान और दक्षिण कोरिया को टेंशन में डाल दिया है. उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया केसीएनए ने कहा कि देश ने जासूसी सैटेलाइट के विकास के लिए रविवार को एक महत्वपूर्ण और अंतिम चरण वाला मिसाइल परीक्षण किया है.
केसीएनए का कहना है कि उत्तर कोरिया इस अभियान को अप्रैल 2023 तक पूरा करना चाहता है. यह रिपोर्ट दक्षिण कोरियाई और जापानी सेनाओं द्वारा अपने पूर्वी तट की ओर दो मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के लॉन्च की सूचना देने के एक दिन बाद जारी की गई है.
आगे भी इस तरह के परीक्षण की कही बात
केसीएनए ने जापान और दक्षिण कोरिया के आरोपों के जवाब में कहा कि टोंगचांग-री के उत्तर-पश्चिमी शहर में सोहे उपग्रह लॉन्चिंग स्टेशन पर किए गए इन परीक्षण के पीछे हमारा उद्देश्य उपग्रह इमेजिंग डेटा ट्रांसमिशन और ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम की देश की क्षमता की समीक्षा करना था. इसमें हम काफी हद तक सफल रहे हैं और आगे भी इसे जारी रखेंगे.
मिसाइल का परीक्षण कर अमेरिका को दे चुका है चुनौती
इससे पहले अमेरिका और जापान प्योंगयांग (उत्तर कोरिया की राजधानी) के नए बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों के जवाब में उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंधों की घोषणा कर चुका है. बाइडेन प्रशासन ने उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रमों से जुड़े तीन सीनियर अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा चुके हैं.
बता दें कि उत्तर कोरिया ने इस साल अभूतपूर्व संख्या में मिसाइल परीक्षण किए हैं, जिसमें अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) भी शामिल है, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की अवहेलना करते हुए अमेरिका की मुख्य भूमि तक पहुंचना है.
साल की शुरुआत में दागीं कई मिसाइलें
उत्तर कोरिया ने इस साल की शुरुआत से दर्जनों मिसाइल परीक्षण किए हैं. कुछ मौकों पर एक बार में कई मिसाइलें दागी हैं. पिछले महीने, उत्तर कोरिया ने कम दूरी की 20 से ज्यादा मिसाइलें लॉन्च कीं. प्योंगयांग ने कहा कि उसके मिसाइल परीक्षण अमेरिका और उसके क्षेत्रीय सहयोगियों दक्षिण कोरिया और जापान के उकसावे के जवाब में थे.
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