North Korea Attacks On South Korea: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच उत्तर और दक्षिण कोरिया (South Korea) के बीच भी तनातनी बढ़ गई है. पिछले 70 साल में पहली बार ऐसा हुआ है कि दोनों देशों ने एक दूसरे के समुद्री-तट के बेहद करीब मिसाइलों को दागा है. बुधवार (2 नवंबर) को उत्तर कोरिया (North Korea) ने दक्षिण कोरिया पर एक के बाद एक 10 मिसाइलें दागीं. इन मिसाइलों में शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (SBRM) भी शामिल थी. एक मिसाइल दक्षिण कोरिया के तट से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर गिरी. इसके बाद दक्षिण कोरिया के लड़ाकू विमानों ने तीन मिसाइलों को उत्तरी कोरिया के तटों के करीब दागा. तीनों ही आकाश से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें थीं. माना जा रहा है कि दक्षिण कोरिया ने एक लंबे अरसे बाद उत्तर कोरिया की मिसाइलों कों जवाब दिया है.
उत्तर कोरिया ने इसलिए दागी मिसाइलें
उत्तर कोरिया और उसका सनकी तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un) अपनी मिसाइलों के लिए हमेशा चर्चा में रहा है. माना जा रहा है कि बुधवार को उत्तर कोरिया ने मिसाइलों को इसलिए दागा क्योंकि दक्षिण कोरिया और अमेरिका (America) के बीच युद्धाभ्यास चल रहा है. अमेरिका और दक्षिण कोरिया की इस एक्सरसाइज में 240 लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे हैं. अमेरिका की एक परमाणु पनडुब्बी भी इन दिनों दक्षिण कोरिया में प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) में तैनाती के लिए पहुंची हुई है. अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच होने वाले इस युद्धाभ्यास के चलते ही माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के तट के बेहद करीब जापान सागर में मिसाइलों को दागा. ये मिसाइलें दोनों पड़ोसी देशों के बीच एनएलएल यानि नॉर्दर्न लिमिट लाइन के बेहद नजदीक गिरी. एनएलएल दोनों देशों की सीमाओं पर नियंत्रण रेखा मानी जाती है.
दोनों देशों के बीच दशकों से तनातनी जारी
करीब 70 साल पहले (1950-53) उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच भयानक युद्ध हुआ था. इसके बाद से ही कोरियाई प्रायद्वीप में दोनों देशों के बीच तनातनी चलती रहती है. उकसावे के लिए उत्तर कोरिया लगातार मिसाइलों का परीक्षण करता रहता है. ये मिसाइल जापान सागर और पूर्वी सागर में जाकर गिरती हैं लेकिन कोरियाई युद्ध के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि उत्तर कोरिया ने एनएलएल के दक्षिण में मिसाइलों को दागा. यही वजह है कि दक्षिण कोरिया ने भी एनएलएल के पार उत्तर में एफ-16 और केएफ-16 फाइटर जेट से एयर टू सर्फेस मिसाइलों को दागा.
टूरिज्म पर पड़ा सबसे ज्यादा असर
उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच मिसाइल दागने का असर विश्व-प्रसिद्ध डीएमजेड के वॉर-टूरिज्म पर भी हुआ है. दक्षिण कोरिया ने डि-मिलिट्राइज़ जोन (डीएमजेड) पर पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी है. कोरियाई प्रायद्वीप के दोनों देशों के बीच दुनिया के सबसे संवेदनशील बॉर्डर है जिसे डि-मिलिट्राइज़ जोन (डीएमजेड) के नाम से जाना जाता है. एनएलएल इसके बीच से गुजरती है.
डीएमजेड को दक्षिण कोरिया ने एक पर्यटक स्थल के तौर पर भी तैयार कर लिया है जहां दुनिया भर के टूरिस्ट नॉर्थ कोरिया की एक झलक देखने के लिए आते हैं लेकिन बुधवार (2 नवंबर) को दोनों देशों के बीच हुई मिसाइलों की बारिश के बाद दक्षिण कोरिया ने डीएमजेड को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया है. साल 2017 में जब उत्तर कोरिया ने सबसे लंबी दूरी की इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी और दक्षिण कोरिया से जबदरस्त तनाव चल रहा था तब एबीपी न्यूज की टीम ने डीएमजेड से रिपोर्टिंग की थी.
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