सियोल: उत्तर कोरिया ने सीमा पर उसके खिलाफ प्योंगयांग-विरोधी पर्चे भेजे जाने के बाद अपने 'दुश्मन' देश दक्षिण कोरिया की कड़ी निंदा की. इसके बाद उत्तर कोरिया ने एक्शन लेते हुए दक्षिण कोरिया से सैन्य और राजनीतिक संपर्क खत्म करने का ऐलान किया है. ये जानकारी कोरियाई न्यूज एजेंसी ने दी है.
कोरियाई न्यूज एजेंसी के मुताबिक, उत्तर और दक्षिण कोरिया के अधिकारियों के बीच संपर्क लाइन को पूरी तरह से काट दी जाएगी. 9 जून 12 बजे से उत्तर कोरिया द्वारा अंतर-कोरियाई संपर्क कार्यालय और राष्ट्रपति कार्यालयों के बीच हॉटलाइन को खत्म कर दिया जाएगा.
हाल के दिनों में उत्तर कोरिया ने सीमा पर उसके खिलाफ गुब्बारों में पर्चे भेजने पर सख्त नाराजगी दिखाई थी और पड़ोसी देश के साथ संपर्क कार्यालय, संयुक्त फैक्टरी पार्क को स्थायी रूप से बंद करने तथा 2018 में हुए शांति समझौते को समाप्त करने की चेतावनी भी दी थी. दक्षिण कोरिया ने अभी उत्तर कोरिया की चेतावनी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
क्या है मामला
दक्षिण कोरिया ने हाल ही में कहा था कि वह उत्तर कोरिया के साथ फिर से तनावपूर्ण हो रहे संबंधों को बचाने के लिए वह देश की ओर गुब्बारों से पर्चे भेजने से कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए नए कानून बनाएगा.
दरअसल, उत्तर कोरिया से भाग कर दक्षिण कोरिया पहुंच चुके लोग और कार्यकर्ता बड़े गुब्बारों में पर्चे लगा कर उत्तर कोरिया की तरफ भेजते हैं जिनमें उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के परमाणु कार्यक्रमों के लिए उनकी निंदा और देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन का जिक्र होता है.
किम-जोंग उन ने बुलाई पोलित ब्यूरो की बैठक, बाहरी मामलों पर चर्चा नहीं
इससे पहले उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन ने वर्कर्स पार्टी की एक पोलित ब्यूरो बैठक की अध्यक्षता की और केमिकल उद्योग को विकसित करने के तरीकों पर चर्चा की. लेकिन अंतर-कोरियाई मुद्दे और अन्य बाहरी मामले एजेंडे में शामिल नहीं थे. दक्षिण कोरियाई समाचार एजेंसी योनहाप के अनुसार, यह बैठक रविवार को हुई. यह दक्षिण कोरिया से प्योंगयांग-विरोधी पर्चे भेजे जाने के बाद जवाब के तौर पर उत्तर कोरिया द्वारा अंतर-कोरियाई संपर्क कार्यालय को खत्म करने की कसम खाने के समाप्त करने का संकल्प लेने के दो दिन बाद हुई.
उत्तर कोरिया की समाचार एजेंसी केसीएनए ने एक रिपोर्ट में सोमवार को कहा कि एजेंडे में चार मुद्दे थे, लेकिन पर्चो का मुद्दा नहीं था. केसीएनए ने कहा, "बैठक में देश की आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था को विकसित करने और लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहराई से चर्चा हुई." इसने कहा कि एजेंडे में केमिकल उद्योग को विकसित करने में आ रही कुछ समस्याओं पर चर्चा हुई.
किम ने केमिकल उद्योग के महत्व पर जोर देते हुए इसे 'उद्योग की नींव और देश की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख मोर्चा' कहा. उन्होंने विशेष रूप से, 'सी 1 केमिकल उद्योग' के विकास का आह्वान किया, यह एक कोयला-गैसीकरण परियोजना है.
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