न्यूक्लियर टेस्ट नहीं बातचीत करेंगे किम जोंग, अप्रैल में होगी साउथ कोरिया के साथ बैठक
नॉर्थ कोरिया ने सुरक्षा गारंटी के बदले परमाणु हथियार त्यागने की इच्छा पेश की थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच बातचीत करने का ये फैसला आया है.
सोल: अब नॉर्थ कोरिया न्यूक्लियर टेस्ट नहीं करेगा. परमाणु निरस्त्रीकरण पर नॉर्थ कोरिया साउथ कोरिया के साथ बातचीत करने से लिए तैयार हो गया है. नॉर्थ कोरिया ने सुरक्षा गारंटी के बदले परमाणु हथियार त्यागने की इच्छा पेश की थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच बातचीत करने का ये फैसला आया है. साउथ कोरिया ने मंगलवार को बताया कि नार्थ कोरिया ने कहा है कि अगर उसे सुरक्षा गारंटी मिले तो वो न्युक्लियर टेस्ट करना छोड़ देगा. दोनों देशों के बीच अगले महीने ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन होगा.
नॉर्थ कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में किम जोंग उन के साथ बैठक के बाद साउथ कोरिया के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चुंग यूई योंग ने कहा कि नॉर्थ कोरिया का कहना है कि वह परमाणु निरस्त्रीकरण के मुद्दे पर अमेरिका के साथ बात करने को तैयार है और वार्ता प्रक्रिया के दौरान मिसाइल और परमाणु परीक्षण निलंबित रखेगा.
नॉर्थ कोरिया पर उसके परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम की वजह से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कई चरणों का प्रतिबंध लगा रखा है. इससे पहले, परमाणु हथियारों पर बातचीत करने से नॉर्थ कोरिया इंकार करता रहा है. चुंग ने कहा कि अब नॉर्थ कोरिया का कहना है कि अगर उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा और उसके नेतृत्व की गारंटी दी जाती है तो वह अपने परमाणु कार्यक्रम को छोड़ने के लिए तैयार है.
प्योंगयांग यह मानता रहा है कि अमेरिका उस पर चढ़ाई कर सकता है क्योंकि साल 1953 में कोरियाई युद्ध एक संघर्ष विराम से समाप्त हुआ था यानी तकनीकी रूप से नॉर्थ और साउथ कोरिया अभी भी युद्ध में हैं. चुंग ने कहा कि किम जोंग उन वाशिंगटन के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं. दोनों देशों के बीच वार्ता हो इसके लिए परमाणु निरस्त्रीकरण बेहद जरूरी है.
अमेरिका लंबे समय से इस बात पर जोर देता रहा है कि प्योगयांग को परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में ठोस कदम उठाना चाहिए. चुंग ने कहा कि पनमुन्जोम के सरहदी किलेबंद गांव में अप्रैल के आखिरी में नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया सम्मेलन आयोजित करने पर सहमत हुए हैं.1950-53 तक चले कोरियाई संघर्ष के खत्म होने के बाद तीसरा अंतर कोरियाई शिखर सम्मेलन होगा.