उत्तर कोरिया की ओर से दागी गई मिसाइल जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में गिरी, जापान समेत कई देशों के लिए खतरा बढ़ा
जापान के रक्षा राज्य मंत्री माकोतो ओनिकी ने कहा कि इस बार बैलिस्टिक मिसाइल 6,000 किमी से अधिक की ऊंचाई पर उड़ान भरी, जो नवंबर 2017 में लॉन्च किए गए ह्वासोंग -15 आईसीबीएम से काफी अधिक थी.
उत्तर कोरिया ने एक बार फिर से बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट कर दुनिया को चौंका दिया है. ये मिसाइल जापान के विशेष आर्थिक जोन में गिरी है. जापान सरकार ने कहा कि एक संदिग्ध उत्तर कोरियाई अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) गुरुवार दोपहर को देश के उत्तरी तट के पश्चिम में जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर गिरी है.
जापान के रक्षा राज्य मंत्री माकोतो ओनिकी ने कहा कि मौजूदा विश्लेषण से संकेत मिलता है कि बैलिस्टिक मिसाइल ने 71 मिनट के लिए उड़ान भरी और करीब 15:44 (0644 GMT) के आसपास, यह होक्काइडो के ओशिमा प्रायद्वीप से लगभग 150 किलोमीटर पूर्व में जापान के सागर में जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र के अंदर पानी में गिरी.
जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में गिरी मिसाइल
जापान के रक्षा राज्य मंत्री माकोतो ओनिकी ने आगे कहा कि इस बार बैलिस्टिक मिसाइल 6,000 किमी से अधिक की ऊंचाई पर उड़ान भरी, जो नवंबर 2017 में लॉन्च किए गए ह्वासोंग -15 आईसीबीएम से काफी अधिक थी. इस मिसाइल को एक नया आईसीबीएम माना जा रहा है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय को जहाजों या विमानों को नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. उत्तर कोरिया की ओर से इस प्रक्षेपण को जापान की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा माना जा रहा है. ऐसे समय में जब दुनिया भर में यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर चर्चा तेज है उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन ऐसे प्रक्षेपणों के साथ आगे बढ़ रहा है जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के खिलाफ एकतरफा उकसावे को बढ़ा रहे हैं. ये माफी योग्य नहीं है.
किम जोंग अपनी हथियार प्रणाली क्षमता को बढ़ाने में जुटा
यह इस साल उत्तर कोरिया का 12वां प्रक्षेपण था. पिछले रविवार को उत्तर कोरिया ने समुद्र में संदिग्ध गोले दागे थे. उत्तर कोरिया के पड़ोसी देशों की सेनाओं का कहना है कि वह जाहिर तौर पर अपनी हथियार प्रणाली की क्षमता बढ़ाना चाहता है और यह सिलसिला उसके सबसे बड़ी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का प्रक्षेपण करने के बाद ही पूरा होगा.
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