सियोल: दक्षिण कोरिया की खुफिया सेवा ने दावा किया है कि उत्तर कोरिया के हैकरों ने कोरोना वायरस वैक्सीन और इलाज से जुड़ी जानकारी चोरी करने की कोशिश की है. हालांकि, उसने एक सांसद के उस दावे को खारिज कर दिया जिसके मुताबिक टीका निर्माता फाइजर इंक निशाने पर था. इससे पहले दक्षिण कोरियाई संसद की खुफिया मामलों की समिति के सदस्य हा तेई कियुंग ने कहा था कि राष्ट्रीया खुफिया सेवा (एनआईएस) ने उन्हें और अन्य सांसदों को बंद कमरे में दी गई ब्रीफिंग में बताया है कि उत्तर कोरिया ने कोविड-19 टीके की तकनीक को प्राप्त करने के लिए फाइजर को हैक किया था.


हा का दावा सुर्खियों में आने के बाद एनआईएस ने कहा कि उसने जब सांसदों को उत्तर कोरिया द्वारा हैकिंग का विवरण दिया तो उस दौरान किसी फार्मास्युटिकल कंपनी का नाम नहीं लिया गया. असधारण तरीके से खंडन करते हुए एनआईएस के जनसंपर्क कार्यालय ने कहा कि हा की टिप्पणी गलत है.


एसोसिएटड प्रेस ने जब हा से संपर्क किया तो वह अपने दावे पर कायम नजर आए. उन्होंने कहा कि उनको दिखाए गए एनआईएस के दस्तावेज के मुताबिक, "उत्तर कोरिया ने फाइजर से चोरी (टीका प्रौद्योगिकी)की और दक्षिण कोरियाई टीका एवं फार्मास्युटिकल कंपनी से प्रौद्यागिकी चोरी करने की कोशिश की."


हा ने कहा कि विवरण देने के सत्र के बाद सांसदों को दस्तावेज लौटाने होते हैं. उन्होंने कहा कि फाइजर शब्द इतना स्पष्ट था कि ब्रीफिंग के दौरान मैंने उनसे मौखिक रूप से भी इस बारे में नहीं पूछा. दक्षिण कोरिया में फाइजर कार्यालय के जनसंपर्क प्रबंधक ओन बो यंग ने लिखित संदेश में कहा कि वह हा के दावे की अपने वैश्विक मुख्यालय से पुष्टि कर रहे हैं.


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