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Norway: भूखे-प्‍यासे लोगों की मदद के लिए इस छोटे से देश ने UN की संस्‍था को दिए 23.7 मिलियन डॉलर, दुनिया कर रही तारीफ

Norway News: वैश्विक संकटों एवं आपात स्थितियों से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के लिए भारत जैसे कई देश मदद करते हैं. अब यूरोप के एक छोटे से देश ने बड़ी फंडिंग की है.

United Nations News: यूरोप के छोटे-से देश नॉर्वे (Norway) ने दुनिया की भलाई के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) के खाद्य एवं कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization) को करोड़ों डॉलर की फंडिंग की है. इस राशि का इस्‍तेमाल वैश्विक मानवीय-संकटों एवं आपात स्थितियों से निपटने के लिए किया जाएगा. FAO की ओर से नॉर्वे सरकार की सराहना की गई है. विश्‍व बिरादरी प्रशंसा कर रही है. 

न्‍यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, नॉर्वे सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के लिए 23.7 मिलियन अमेरिकी डॉलर के योगदान दिया है. इस फैसले का खाद्य एवं कृषि संगठन के अधिकारियों ने स्‍वागत किया है और कहा है कि नॉर्वे ने सबसे गंभीर मानवीय संकटों और आपात स्थितियों के लिए योगदान देने में अपनी ओर से अब तक की सबसे बड़ी फंडिंग की है. इसका हम स्‍वागत करते हैं.

रिपोर्ट में बताया गया कि FAO के आपातकालीन और पुनर्वास गतिविधियों के लिए विशेष कोष (एसएफईआरए) के माध्यम से इस फंडिंग का इस्‍तेमाल किया जाएगा, ये राशि उन लोगों के लिए खर्च होगी, जो भुखमरी व कुपोषण के शिकार हैं, या जो आपदाओं से परेशान हैं.


Norway: भूखे-प्‍यासे लोगों की मदद के लिए इस छोटे से देश ने UN की संस्‍था को दिए 23.7 मिलियन डॉलर, दुनिया कर रही तारीफ

खाद्य एवं कृषि संगठन की भूमिका अहम

बताते चलें कि खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) संयुक्त राष्ट्र की ऐसी अन्तरराष्ट्रीय संस्‍था है, जो कृषि उत्पादन, वानिकी और कृषि विपणन सम्बन्धी शोध विषय का अध्ययन कराती है. यह खाद्य एवं कृषि सम्बन्धी ज्ञान और जानकारियों के आदान-प्रदान करने का मंच भी है. इसकी स्थापना 16 अक्टूबर, 1945 को क्यूबेक नगर, कनाडा में हुई थी. इसके 8 विभाग हैं- प्रशासन एवं वित्त, आर्थिक और सामाजिक, फिशरीज, वानिकी, सामान्य विषय और सूचना, सतत विकास, कृषि और उपभोक्ता सुरक्षा और तकनीकी सहयोग. 

197 देश हैं एफएओ के सदस्‍य

FAO का आम वित्त-पोषण उसके सदस्‍य देशों द्वारा वहन किया जाता है. वर्तमान में इसके सदस्य देश 197 हैं. इन्‍हीं 197 सदस्‍य देशों में एक नॉर्वे भी है, जिसने SFERA 2022 के योगदान के माध्यम से, तुर्किए और सीरिया में भूकंप प्रभावित परिवारों की सहायता करने के लिए सबसे पहले हाथ बढ़ाया. इसके अलावा उसकी ओर से बुर्किना फासो, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इथियोपिया, होंडुरास, माली, मोजाम्बिक और नाइजर में भी सहायता पहुंचाई जा रही है.

600,000 लोगों तक मदद पहुंचाने का लक्ष्‍य

FAO का लक्ष्य खाद्य संकट से जूझ रहे लगभग 600,000 लोगों तक खेती के इनपुट, पशुधन की आपूर्ति, फिशिंग फैसिलिटी को बढ़ाने और जहां जरूरत हो, वहां नकदी की सहायता पहुंचाना है. यह योगदान उन देशों और लोगों पर ध्यान केंद्रित करेगा जिन्हें मानवतावादी प्रतिक्रिया योजनाओं से मदद की सबसे ज्यादा जरूरत है, जबकि अचानक शुरू होने वाली आपात स्थितियों में तत्‍काल मदद पहुंचाने के लिए भी एक कोष रिजर्व रहेगा.

अधिकारियों के मुताबिक, 2023 में मानवीय अपीलों के तहत, FAO को 48 मिलियन लोगों के लिए रसद-उत्पादन बहाल करने और पौष्टिक भोजन की स्थिर आपूर्ति की सुविधा प्रदान करने और भविष्य के संकटों से निपटने के लिए 1.9 बिलियन अमरीकी डॉलर राशि की दरकार है. 

यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में मचा हाहाकार! महंगाई दर 35% के पार, रमजान में बिगड़ रहा लोगों के घर का बजट

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