दरअसल नॉर्वे सरकार की तरफ से दावा किया गया है कि वैक्सीनेशन के बाद वहां 23 लोगों की मौत हो चुकी है.  नॉर्वे में अमेरिका में तैयार की गई फाइजर की वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. नॉर्वे की तरफ से किए गए दावे में कहा गया है कि वैक्सीनेशन के बाद अब तक 23  लोगों की मौत हो चुकी है. मरने वाले लोगों में सभी काफी ज्यादा उम्र वाले लोग शामिल हैं. कई की उम्र 80 साल और कुछ की 90 साल से भी ज्यादा बताई जा रही है.


गंभीर बीमार, बुजुर्गों पर बुरा असर
दरअसल नॉर्वे में दिसंबर में ही फाइजर की वैक्सीन से टीकाकरण का काम शुरू किया जा चुका है. नॉर्वे में अभी तक 33000 लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है.  वैक्सीनेशन के बाद इतने लोगों की मौत की बात सामने आने के बाद नॉर्वे सरकार की तरफ से हिदायत दी गई है. उनके मुताबिक फाइजर की कोविड वैक्सीन बुजुर्ग और पहले से बीमार लोगों के लिए घातक साबित हो सकती है. दरअसल 23 में से 13 लोगों का पोस्टमॉर्टम किया गया जिसमे पता चला है कि वैक्सीन के मामूली से साइड इफेक्ट्स ने बीमार और बुजुर्ग लोगों पर खतरनाक असर डाला था.

युवाओं के लिए वैक्सीन सुरक्षित
वहीं अपनी हिदायत को लेकर स्थिति साफ करते हुए नॉर्वे सरकार की तरफ से कहा गया है कि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि इस वैक्सीन ने युवा और स्वस्थ लोगों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव डाला है. गंभीर रूप से बीमार और बुजुर्ग लोगों पर इस वैक्सीन ने जरूर गलत असर किया लेकिन ऐसा नहीं है कि युवा वैक्सीनेशन से बचने लगें. हालांकि ये घटनाएं इशारा करती हैं कि वैक्सीनेशन प्रोग्राम की कड़ी निगरानी की जाए.

मामले की जांच कर रहे हैं: फाइजर
वहीं इस पूरे प्रकरण को लेकर वैक्सीन बनाने वाली कंपनी फाइजर का भी बयान सामने आया है. फाइजर की तरफ से कहा गया है कि हम नॉर्वे सरकार के साथ मिलकर मामले की जांच कर रहे हैं. हालांकि अभी तक सामने आई घटनाओं की संख्या ज्यादा चिंताजनक नहीं है.
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