व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने सोमवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना ​​है कि रूसी ऊर्जा और अन्य वस्तुओं का आयात बढ़ाना भारत के हित में नहीं है, क्योंकि वाशिंगटन दुनिया भर के देशों पर सस्ता रूसी तेल छोड़ने का दबाव बना रहा है. भारत द्वारा रूसी तेल के आयात पर एक सवाल के जवाब में साकी ने कहा कि अमेरिका उम्मीद करता है कि दुनिया भर के हर देश को उन प्रतिबंधों का पालन करना चाहिए, जो हमने रूस पर घोषित किए थे.


जेन साकी ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "ऊर्जा भुगतान पर रोक नहीं है. यह हर देश के द्वारा लिया जाने वाला निर्णय है. हम बहुत स्पष्ट हैं कि प्रत्येक देश खुद से निर्णय लेगा, भले ही हमने निर्णय लिया हो और अन्य देशों ने ऊर्जा आयात पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया हो." यह बयान अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र के लिए अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) दलीप सिंह के 30-31 मार्च तक भारत की दो दिवसीय यात्रा के कुछ दिनों बाद आया है.


अपनी यात्रा के दौरान, यूएस डिप्टी एनएसए ने रूस पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के लक्ष्यों और तंत्र पर भारतीय समकक्षों के साथ परामर्श किया था. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने यह भी कहा कि भारत में रूसी ऊर्जा का आयात देश के कुल ऊर्जा आयात का केवल 1 प्रतिशत से 2 प्रतिशत है.


दलीप सिंह की हाल की भारत यात्रा पर बोलते हुए साकी ने कहा कि डिप्टी एनएसए ने एक संदेश दिया कि रूसी ऊर्जा और अन्य वस्तुओं के आयात में तेजी लाना या बढ़ाना भारत के हित में नहीं है। उन्होंने कहा, "इस यात्रा के दौरान दलीप ने अपने समकक्षों को स्पष्ट किया कि हम नहीं मानते कि रूसी ऊर्जा और अन्य वस्तुओं के आयात में तेजी लाना या बढ़ाना भारत के हित में है."


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