Salman Rushdie Interview: मुंबई में जन्मे और जाने-माने लेखक सलमान रुश्दी ने पिछले साल उन पर हुए कातिलाना हमले के बाद पहली बार सोमवार (6 फरवरी) को कहा कि मैं भाग्यशाली था जो इससे बच गया. लेखक ने पिछले साल 12 अगस्त को न्यू यॉर्क में एक कार्यक्रम में अपने ऊपर हुए हमले पर पहली बार मीडिया से बात की.


मीडिया से बात करते हुए बुकर पुरस्कार विजेता लेखक सलमान रुश्दी ने कहा, "मैं उन लोगों का आभारी हूं, जिन्होंने मेरे साथ एकजुटता दिखाई." उन्होंने कहा, "मैं अब उठने और चलने में सक्षम हूं. मैं ठीक हूं, लेकिन मेरे शरीर के कुछ हिस्सों को लगातार जांच की जरूरत है. यह बहुत बड़ा हमला था." 


अपने शुभचिंतकों का आभार जताया 


हमले के बाद अपने पहले साक्षात्कार में लेखक ने ‘द न्यू यॉर्कर’ पत्रिका से कहा कि वह उन लोगों और अपने परिवार के प्रति शुक्रगुजार हैं जिन्होंने उन्हें अपना समर्थन दिया. इसमें उनके बेटे जफर और मिलन भी शामिल हैं. रुश्दी ने कहा, "उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि अगर उनकी हत्या की जाती है तो लोग इस पर कैसे प्रतिक्रिया देंगे." उन्होंने कहा, "मैंने इन वर्षों में भर्त्सना और कटुता से बचने की बहुत कोशिश की है."


बुकर पुरस्कार से सम्मानित हुआ उपन्यास


उन्होंने कहा, "मैंने बहुत सी किताबें लिखी हैं. ‘द सेनेटिक वर्सेज़’ मेरी 5वीं प्रकाशित किताब थी. मेरा चौथा प्रकाशित उपन्यास और यह (विक्टरी सिटी उपन्यास) मेरा 21वां उपन्यास है. फतवा आने के बाद मेरी जिंदगी का तीन चौथाई हिस्सा गुज़र चुका है. एक तरह से आप अपने जीवन को लेकर कर पछता नहीं सकते हैं." रुश्दी को उनके उपन्यास ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’ के लिए बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. 


ईशनिंदा विवाद पर कही यह बात


यह पूछे जाने पर कि अपने उपन्यास ‘द सेटेनिक वर्सेज़’ में कथित रूप से ‘ईशनिंदा’ के लिए ईरान के पूर्व सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खुमैनी की ओर से उनकी हत्या का फतवा जारी करने के कई सालों के बाद भी सतर्कता न बरतना क्या गलती थी? इस पर उन्होंने कहा, "मैं खुद से भी यह सवाल कर रहा हूं और मैं इसका जवाब नहीं जानता हूं. मैंने अपनी जिंदगी के 20 साल से ज्यादा वक्त तक ऐसा किया है. तो क्या यह गलती है."


पिछले साल हुआ था जानलेवा हमला


उनका नया उपन्यास ‘विक्टरी सिटी’ हमले से पहले ही पूरा हो गया था. यह कर्नाटक में हम्पी को लेकर है. बता दें कि रूश्दी पर पिछले साल 12 अगस्त को जानलेवा हमला हुआ था. उस वक्त वह विक्ट्री सिटी में स्थित चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में व्याख्यान दे रहे थे. कार्यक्रम के दौरान एक शख्स मंच पर चढ़ गया और उन पर चाकू से कई हमला किया तथा मुक्के भी मारे. इस हमले में उनकी एक आंख और एक किडनी पर असर हुआ था. इस हमले से उनकी एक आंख की रोशनी चली गई है.


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