Chittagong Port : श्रीलंका की आर्थिक स्थिति काफी खराब होने के बाद अब चीन बांग्लादेश को अपने कर्ज का मकड़जाल बुनना चाहता है. वह बांग्लादेश के प्रसिद्ध चटगांव बंदरगार पर निवेश करना चाहता है. चीन की सरकारी कंपनियों ने बांग्लादेश को निवेश का ऑफर देते हुए कहा है कि वह चटगांव बंदरगाह को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करेंगे. साथ ही वहां पर मेट्रो रेल नेटवर्क भी स्थापित किया जाएगा.


बांग्लादेश को दिये गए ऑफर को सुनकर एक तरफ जहां अधिकारियों ने इसका विरोध किया है. वहीं, क्षेत्रीय जनता भी इस ऑफर को सुनकर भड़क उठी है. यह ऑफर चटगांव बंदरगाह के लिए काफी नुकसानदायक बताया जा रहा है. एक तरफ विदेशी निवेश और हिस्सेदारी रहेगी. वहीं इसके निर्माण से बंदरगाह के पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा. लोगों का कहना है कि चीन इसी तरह छोटे विकासशील देशों को कर्ज के नाम पर फंसाता रहा है. वह ऑफर देकर जो वादा करता है. उसे कभी पूरा नहीं करता है.


स्मार्ट सिटी प्लॉट बिकने पर मांगी हिस्सेदारी


चीनी सरकारी कंपनियों ने अपने प्रस्ताव में साफ किया है कि स्मार्ट सिटी बनाने में जो प्लॉट बिकेंगे. उसके मुनाफे में से चीनी कंपनियों को हिस्सेदारी देनी होगी. बांग्लादेश विशेषज्ञ इस हिस्सेदारी पर तमाम सवाल खड़े रहे हैं. यही वजह है कि इस ऑफर से बांग्लादेश में कोई खुश नहीं है.


पर्यावरण को पहुंचेगा नुकसान


बांग्लादेश सरकार के विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का ऑफर कई सारे संशय पैदा करता है. एक तरफ मुनाफे को लेकर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से बंदरगाह के पर्यावरण को नुकसान पहुंचने का अंदेशा भी जताया जा रहा है. जबकि चीनी कंपनियों का कहना है कि वह आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके चटगांव को एक स्मार्ट सिटी के रूप में परिवर्तित करेंगे. इससे बंदरगाह के पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ही स्मार्ट सिटी और मेट्रो रेल नेटवर्क स्थापित किया जाएगा.


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