अब यूएई में भी होगी मुसलाधार बारिश, नई तकनीक से लैस ड्रोन बादलों को बरसने के लिए करेगा मजबूर
यूएई ड्रोन का उपयोग कर बादल में इलेक्ट्रिक चार्ज देने का प्रयास कर रहा है जिससे बादल से पानी बरसने की उम्मीद बने. यूएई में साल भर में बारिश की मात्रा सामान्य से कम मापी जा रही है.
यूएई बारिश को लेकर एक बेहद खास और अनोखा टेस्ट करने जा रहा है. दरअसल, यूएई में साल भर में बारिश की मात्रा काफी कम मापी जाती है जिसके कारण बारिश कराने के जरिए और तीरकों पर यूएई काफी समय से काम कर रहा है.
यूएई अब जो तरीका इस्तेमाल कर रहा है उसमें ड्रोन का उपयोग है. मतलब, ड्रोन के जरिए बादल में इलेक्ट्रिक चार्ज दिया जाएगा जिससे बादल से पानी बरसने की उम्मीद होगी. हालांकि, इस वक्त बारिश के लिए यूएई क्लाउड-सीड़िग टेकनॉलोजी का इस्तेमाल कर रहा है. जिसमें, बादल में कुछ प्रकार का नमक की मात्रा को मिलाया जाता है जिससे बादल से पानी बरसता है.
साल भर में मापी गई यूएई में 100एमएम बारिश
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस तकनीक से बारिश की मात्रा सामान्य से बेहद कम मापी जा रही है. बताया जा रहा है कि साल भर में यूएई में 100एमएम मापी गई है. वहीं, यूएई को इससे कई अधिक मात्रा में बारिश चाहिए. आपको बता दें, साल 2017 में, यूएई सरकार ने $ 15 मी रुपये बादल से पानी बरसाने के लिए 9 अलग तरह के प्रोजेक्ट के लिए दिये थे.
ज्यादा मात्रा में पानी बरसे ये हमारा उद्देश्य- प्रो मार्टेन अबाउम
इन प्रोजेक्ट्स पर काम कर चुके प्रो मार्टेन अबाउम ने बताया कि, "हमारा मकसद बादल से पानी बरसने वाले पानी की मात्रा में बदलाव करने का है. जाहिर तौर पर ज्यादा मात्रा में पानी बरसे ये हमारा उद्देश्य है." उन्होंने बताया कि, "यूएई में वाटर-टेबल दिन प्रतिदिन लगातार गिर रही है. हमारा इस वक्त केवल इतना मकसद है कि हम इस वाटर-टेबल को बारिश के माध्यम से सही कर सके." उन्होंने बताया कि, "देश में भारी संख्या में बादल बने हुए हैं इसलिए हमे बस किसी तरह उन बादलों से पानी बरसाना है."
वहीं, यूएई के वर्षा-वृद्धि विज्ञान-अनुसंधान कार्यक्रम के निदेशक, एलिया अल-मजरौई ने कहा कि, "ये तैयार किये गए ड्रोन कम उंचाई पर उड़ान भरेंगे और हवा के अणुओं समेत बादल में इलेक्ट्रिक चार्ज देंगे जिससे बारिश होने की संभावना बनेगी.
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