नयी दिल्ली: भारत और रूस के थिंक टैंकों की एक ज्वाइंट रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान में किसी राजनीतिक ताकत के रूप में तालिबान के साथ रूस के सीमित संपर्कों को लेकर भारत को संशय है.


रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारतीय के अनुसार खबरों में पाकिस्तान के साथ चीन के परमाणु संबंधों की जो बातें सामने आती हैं उनसे भारत चिंतित है और यह परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के सदस्य के रूप में चीन की प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन है.


भारत-रूस संबंधों के 70 साल पूरे होने के मौके पर रशियन इंटरनेशनल अफेयर्स काउंसिल और विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन की रिपोर्ट में प्रमुख मुद्दों के अलावा दोनों देशों के बीच समय के साथ परिपक्व होते रिश्तों के अनेक पहलुओं का अध्ययन किया गया है.


इसमें कहा गया है, ‘‘अफगानिस्तान के संबंध में, उस देश के हालात पर रूस और भारत के विचारों में ज्यादा अंतर नहीं है, लेकिन अफगानिस्तान में राजनीतिक ताकत के तौर पर तालिबान के साथ रूस के सीमित संपर्कों को लेकर भारत को संशय है.’’


रक्षा सहयोग के संदर्भ में रिपोर्ट में कहा गया है कि रूसी पक्ष ने भारत में सैन्य उपकरणों के टेंडर की प्रक्रिया के संबंध में ‘नौकरशाही की लंबी प्रक्रिया’ के मुद्दे को उठाया है जिसमें उनके द्वारा तय समयसीमा से अधिक समय लग सकता है.