Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध में मरने वाले और घायल सैनिकों का आंकड़ा 5 लाख के करीब, रिपोर्ट में दावा
US Officials On Russia-Ukraine War: एक अमेरिकी अखबार ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि रूस और यूक्रेन युद्ध में मारे गए और घायल हुए यूक्रेनी और रूसी सैनिकों की संख्या 500,000 के करीब पहुंच गई है.
Russia-Ukraine War Report: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में मारे गए और घायल हुए यूक्रेनी और रूसी सैनिकों की संख्या 500,000 के करीब पहुंच गई है. न्यूयॉर्क टाइम्स ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से शुक्रवार (18 अगस्त) को इस बात की जानकारी दी है. बता दें कि फरवरी 2022 में रूस ने युक्रेन पर हमला किया था और तब से बड़ी संख्या में सैनिक मारे गए हैं.
हताहतों की संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि हताहतों की संख्या का अनुमान लगाना मुश्किल है क्योंकि माना जाता है कि मॉस्को नियमित रूप से युद्ध में मृतकों और घायलों की संख्या कम दिखाता है और कीव आधिकारिक आंकड़ों का खुलासा नहीं करता है.
अखबार ने बताया कि रूस के सैन्य हताहतों की संख्या 300,000 के करीब पहुंच रही है, जिसमें 120,000 मौतें और 170,000 से 180,000 घायल शामिल हैं. इसमें कहा गया है कि यूक्रेन में मरने वालों की संख्या 70,000 के करीब थी, जबकि 100,000 से 120,000 लोग घायल हुए थे.
एनवाईटी ने अधिकारियों के हवाले से कहा कि इस साल की शुरुआत में यूक्रेन की ओर से जवाबी हमला शुरू होने के बाद हताहतों की संख्या में वृद्धि हुई है.
जनरल स्टाफ करेंगे आंकड़ों का खुलासा
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के वरिष्ठ सलाहकार मायखाइलो पोडोल्याक ने एनवाईटी के आर्टिकल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि केवल जनरल स्टाफ ही ऐसे आंकड़ों का खुलासा कर सकता है. उन्होंने शुक्रवार को पत्रकार यूलिया लैटिनिना के यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारण में कहा कि हमने एक मॉडल अपनाया है कि केवल जनरल स्टाफ को घायलों, डिसेबल्ड, अंग खोने वाले लोगों और लापता लोगों और निश्चित रूप से इस युद्ध में मारे गए लोगों की संख्या के बारे में बताने का अधिकार है.
जवाबी हमले में बढ़त का दावा
इसी बीच यूक्रेनी सेना ने गुरुवार (17 अगस्त) को दक्षिणपूर्वी मोर्चे पर रूसी सेना के खिलाफ अपने जवाबी हमले में बढ़त का दावा किया. कीव ने कहा कि उसकी सेना ने एक गांव को मुक्त करा लिया है, यह 27 जुलाई के बाद पहली ऐसी सफलता है जो शक्तिशाली एयर सपोर्ट के बिना भारी मात्रा में माइन वाली रूसी डिफेंसिव लाइन के माध्यम से आगे बढ़ने में आने वाली चुनौती का संकेत है.
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