वॉशिंगटन: अमेरिका में एक मरीज को हर्ट ट्रांसप्लांट कराने की जरूरत थी लेकिन हॉस्पिटल में उसकी अर्जी इसलिए खारिज कर दी गई क्योंकि उसका देखरेख करने वाला कोई नहीं था. जोनाथन पिंकर्ड नामक पेशेंट का इस दुनिया में कोई नहीं है और वह एक शेल्टर होम में रहता है.
हॉस्पिटल से अर्जी खारिज होने के चार महीने बाद जोनाथन एक बार फिर इस आशा से हॉस्पिटल गया कि उसका इस बार हर्ट ट्रांसप्लांट कर दिया जाएगा. अस्पताल में उसे इस बार दो दिन के लिए लोरी वुड नाम की एक नर्स की देखरेख में रखा गया. जब नर्स वुड को पेशेंट के बारे में पता चला तो उसने उसे अपने घर पर रहने का ऑफर दिया जिसे सुनकर पेशेंट जोनाथन चकित रह गए. इसके बाद पेशेंट का हर्ट ट्रांसप्लांट किया गया जो सफल रहा.
सपने के सच होने जैसा- पेशेंट
जोनाथन ने कहा कि यह एक सपने की तरह था. कोई महिला जो उसे सिर्फ दो दिन से जानती थी उसके ऐसे ऑफर का यकीन नहीं हो रहा है. बता दें कि लोरी वुड नाम की नर्स की उम्र अभी 57 साल है और वह पिछले 35 सालों से नर्स का काम कर रही हैं. उसने कहा कि वह अमूमन अपने वर्क और पर्सनल लाइफ में एक दूरी बनाकर रखती हैं लेकिन जोनाथन की समस्या सुनने के बाद उसने मदद का हाथ आगे बढ़ाया.
उसने कहा कि भगवान परिस्थिति के अनुसार लोगों को आपके जीवन में भेजते हैं और इसके बाद आपके पास विकल्प होता है कि आप उसके लिए कुछ कर सकें. नर्स ने कहा, ''लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं था. मैं नर्स हूं और मेरे घर पर एक एक्स्ट्रा कमरा खाली था इसलिए मैंने मरीज को अपने घर बुला लिया.''
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