कोरोना वायरस को मात देकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सामान्य जिंदगी जी रहे हैं. मगर जब उन्हें ICU में दाखिल किया जा रहा था तब उस वक्त अस्पताल में कैसा माहौल था. कैसे उनकी देखभाल के लिए एक नर्स को नियुक्त किया गया. उस नर्स का क्या अनुभव रहा जब उन्होंने तीन रात उनके पास ICU में गुजारे.


नर्स लुईस पितरमा ने बताया, "ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन उनके लिए आम मरीज की तरह थे. शुरू में जब उन्हें बोरिस जॉनसन की देखभाल के लिए नियुक्त किया गया तब उनके लिए ये जिम्मेदारी अत्यधिक दबाव वाली थी. ये जानकर कि वो प्रधानमंत्री की देखभाल करने जा रहे हैं. बिल्कुल अलग तरह का अनुभव था. इससे पहले उन्हें किसी बड़ी शख्सियत की देखभाल का मौका नहीं मिला था. उन्होंने विचित्र परिस्थिति का सामना बिल्कुल उसी तरह किया जैसा किसी अन्य मरीज के साथ किया था." बता दें कि बोरिस जॉनसन का इलाज सेंट थॉमस अस्पताल में हुआ था. यहां उनका एक सप्ताह तक इलाज चला. इस दौरान उनको ICU में तीन रात रखा गया.


29 वर्षीय पितरमा सेंट थॉमस अस्पताल में चार साल से नर्स के तौर पर नियुक्त हैं. बोरिस जॉनसन ने अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद सार्वजनिक तौर पर उनकी और एक अन्य नर्स जेनी मैकजी की तारीफ की थी. पितरमा ने कहा, "मैं रात की शिफ्ट में था. मुझे बताया गया कि प्रधानमंत्री ICU में आनेवाले हैं. उन्हें उनकी देखभाल के लिए चुना गया है. अस्पताल को मुझ पर विश्वास था कि मैं हालात का सामना अच्छे से करूंगा. शुरू में बड़ी शख्सियत के होने की वजह से मैं थोड़ा नर्वस था. मुझे सौंपी गई जिम्मेदारी बहुत दबाव वाली थी. मुझे नहीं पता था कि मैं चुनौतियों का सामना कैसे करूंगा ? क्या मुझे उन्हें बोरिस पुकारना चाहिए, मिस्टर जॉनसन या फिर प्रधानमंत्री ? इस दुविधा को देखकर मेरे बॉस ने मुझे आश्वस्त करते हुए कुछ नसीहत दी.


प्रधानमंत्री से सामना होने पर पितरमा ने उनसे पूछा कि उन्हें कैसे संबोधित किया जाए. इस पर प्रधानमंत्री ने उन्हें बोरिस से मुखातिब करने को कहा. प्रधानमंत्री के जवाब से मुझे थोड़ा सकून पहुंचा. इसलिए कि उनको भी यही पसंद था कि उनकी देखभाल सामान्य मरीज की तरह की जाए. पितरमा ने बताया, "मैं उनके पास तीन रात तक ICU में था." उनकी शान में प्रधानमंत्री के तारीफ करने पर पितरमा ने कहा, "उन्हें ऐसी उम्मीद नहीं थी. मैंने जब वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री को अपनी तारीफ करते हुए देखा तो मेरे पास बयान करने के लिए शब्द नहीं थे. मैं भावुक हो गया. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरा इस तरह बखान होगा. प्रधानमंत्री का संदेश उनके दिल की आवाज थी."


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