कोविड-19 के समय अस्पताल में बोरिस जॉनसन की देखभाल करनेवाली नर्स ने स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 'सम्मान की कमी' पर इस्तीफा दे दिया है. Jenny McGee ने लंदन में सेंट थॉमस अस्पताल के इंटेंसिव केयर में भर्ती प्रधानमंत्री की दो दिनों तक देखभाल की थी. उन्होंने कहा, "हम सरकार की तरफ से वाजिब सम्मान नहीं पा रहे हैं. मैं उससे तंग आ चुकी हूं. इसलिए मैंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है."
उन्होंने NHS स्टाफ के लिए सरकार के प्रस्तावित 1 फीसद वेतन वृद्धि का हवाला दिया, जिसे यूनियन ने 'मुंह पर तमाचा' बताया है. कोविड संकट से निपटने के सरकारी प्रयास की भी उन्होंने आलोचना की. उन्होंने बताया, "बहुत सारी नर्सों को एहसास है कि सरकार ने बहुत प्रभावी तरीके से अगुवाई नहीं की. ये बहुत परेशान करनेवाला था."
प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की नर्स ने दिया इस्तीफा
पूर्व नर्स ने अस्पताल में प्रधानमंत्री से अपनी पहली मुलाकात को याद करते हुए बताया, "उनके आसपास बहुत ज्यादा मरीज थे, उनमें से कुछ की मौत हो रही थी. मुझे उनको देखकर याद आता है कि प्रधानमंत्री बहुत अस्वस्थ दिखाई दे रहे थे. वास्तव में उनका रंग बिल्कुल अलग था." मूल रूप से न्यूजीलैंड की रहनेवाली McGee दो नर्सों में से एक थीं. कोविड-19 के इलाज के बाद जॉनसन ने सार्वजनिक रूप से उनका शुक्रिया अदा किया. 12 अप्रैल को जब उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया, तो प्रधानमंत्री ने दोनों नर्सों की उनकी जिंदगी बचाने में मदद के लिए प्रशंसा की.
स्वास्थ्यकर्मियों के सम्मान की कमी का उठाया मुद्दा
उन्होंने सेंट थॉमस अस्पताल की नर्स और डॉक्टरों के बारे में कहा था, "मैं उनका प्रयाप्त शुक्रिया अदा नहीं कर सकता." McGee ने कहा कि जॉनसन के साथ गुजर वक्त को पलटकर देखती हैं, तो उन्हें ख्याल आता है कि वो 'विचित्र' समय था. उन्होंने बताया, मैंने डाउनिंग स्ट्रीट में पिछली जुलाई को 'देखभाल करने वालों के लिए ताली' कार्यक्रम में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया था."
उन्हें और उनकी सहयोगियों को NHS के 72 साल पूरा होने पर प्रधानमंत्री की तरफ से निमंत्रण मिला था. उन्होंने कहा, "वास्तव में ये एक अच्छा फोटो सेशन का अवसर होता, लेकिन मैं उससे बाहर रहना चाहती थी." एक बयान में उन्होंने कहा, "अपने नर्सिंग कैरियर के सबसे कठिन साल के बाद मैं NHS से एक कदम पीछे हट रही हूं लेकिन भविष्य में लौटने की उम्मीद करती हूं.
अमेरिका में अपनी पत्नी को किडनैप करने के आरोप में भारतीय को मिली 56 महीने की सजा, भारत भेजा जाएगा