Odisha Train Accident: ओडिशा में भीषण रेल दुर्घटना (Odisha Train Tragedy) में 288 लोगों की जान चली गई. करीब 900 लोग घायल हुए. हादसे की वजह बताते हुए रेल मंत्री (Rail Minister Ashwini Vaishnav) ने कहा कि यह हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुआ. जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली गई है.


रेलवे में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम वह होता है, जिसमें ट्रेन का ट्रैक तय किया जाता है. रेलवे के हवाले से ये बात सामने आई है कि बालासोर में 3 ट्रेनों के बीच जो दुर्घटना हुई, उन ट्रेनों के बीच टक्कर रोकने वाला कवच सिस्टम इस रूट पर मौजूद नहीं था. हालांकि, रेल मंत्री ने कहा है कि हादसे का इससे लेना-देना नहीं है. वहीं, कुछ जानकारों का कहना है कि यदि भारत में विकसित देशों जैसे एडवांस सिग्निलिंग सिस्टम और सिक्योरटी सिस्टम होते तो ऐसी घटना से बचा जा सकता था.




यहां आज हम हम ट्रेन के पटरी से उतरने और ट्रेनों की टक्करों को रोकने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के बारे में जानेंगे और उन देशों के बारे में भी बताएंगे जो इस तरह के सुरक्षात्मक उपायों को लागू करने में सफल रहे हैं. जापान, जर्मनी, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण कोरिया और चीन ऐसे देश हैं, जहां ट्रेन एक्सीडेंट्स को रोकने की तकनीक बखूबी काम कर रही है.


पॉजिटिव ट्रेन कंट्रोल (PTC) सिस्टम हो
भारतीय रेलवे दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेल सर्विस मानी जाती है. यहां पर रोजाना करोड़ों लोग ट्रेनों में सफर करते हैं, ऐसे में रेलवे का आधुनिकीकरण और अत्यधिक सुरक्षित बनाने वाली तकनीक का होना बेहद जरूरी हो जाता है. कई पश्चिमी देशों में ट्रेनों में पॉजिटिव ट्रेन कंट्रोल (PTC) जैसे एडवांस सिग्नलिंग सिस्टम लगे होते हैं, ये एडवांस सिग्नलिंग सिस्टम हमारे यहां हों तो यह टेक्नोलॉजी ट्रेनों की संभावित टक्कर को रोकने के लिए स्वचालित रूप से ब्रेक लगा सकती है.




ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली (TCAS)
ये सिस्टम ट्रेन ऑपरेटरों (लोको पायलटों) को रीयल-टाइम अलर्ट प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें टकराव से बचने के लिए तत्काल कार्रवाई करने में मदद मिलती है. इसके अलावा रेलवे के संभावित खतरों की पहचान के लिए पटरियों का नियमित निरीक्षण करना भी बेहद जरूरी है. कई देशों में स्वचालित ट्रैक निरीक्षण (ATI) की सुविधा है. ये भारत में भी होनी चाहिए.


ये भी होना चाहिए भारतीय रेलवे में
भारतीय रेलवे के पास उन्नत संचार प्रणाली वायरलेस डेटा नेटवर्क और रीयल-टाइम रिपोर्टिंग टूल सहित यूरोपीय ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (ETCS) जैसी सुविधा भी होनी चाहिए. यूरोप के देश जर्मनी को अपने अच्छे सुरक्षा मानकों और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के लिए जाना जाता है. यह देश रेलवे कर्मचारियों की ट्रेनिंग पर भी जोर देता है और नियमित सुरक्षा ऑडिट करता है. उसी प्रकार जापान भी अपने कुशल और सिक्योर ट्रेन सिस्टम के लिए फेमस है.


यह भी पढ़ें: ओडिशा ट्रेन हादसे पर अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत ने क्या कहा? जानें विदेशी नेताओं के बयान