कश्मीर पर इस्लामिक संगठन ओआईसी ने फिर उगला जहर, 75 साल पुरानी बात पर फिर कर रहा हंगामा
OIC on Kashmir Referendum: ओआईसी लगातार भारत के खिलाफ बयान जारी करता रहता है. ये पाकिस्तान के एजेंडे के लिए एक मंच की तरह है.
OIC On Kashmir: ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉरपोरेशन (ओआईसी) अपने भड़काऊ बयानों के लिए जाना जाता है. एक बार फिर इस संगठन ने भारत के खिलाफ अपनी नफरत को दुनिया के सामने रखा है. संगठन ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र का कश्मीर में जनमत संग्रह कराने के प्रस्ताव को 75 साल पूरे हो गए हैं. ओआईसी यूएनएससी के फैसले का सम्मान करता है और कश्मीरी लोगों के लिए आह्वान करता इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से अपनाने की अपील करता है.
ओआईसी संयुक्त राष्ट्र के बाद दूसरा सबसे बड़ा अतंर-सरकारी संगठन है. इस संगठन में 57 इस्लामिक देश सदस्य हैं. पहले भी इस संगठन ने भारत के खिलाफ कई मर्तबा जहर उगल चुका है. संगठन ने कहा, "हम कश्मीर के लोगों के साथ हैं और हमें उनके अधिकारों का ख्याल है. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का लागू कराने की मांग करते हैं."
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी जताई थी आपत्ति
अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी ओआईसी ने हायतौबा मचाया था. ओआईसी ने तब अतंरराष्ट्रीय समुदाय से इस पर हस्तक्षेप करने की मांग की थी. तब भारत के विदेश मंत्रालय ने ओआईसी की आपत्ति पर जवाब दिया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था, "सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के जनरल सचिवालय की ओर से जारी किए गए बयान को खारिज करता है. इस बयान में गलत सूचना और गलत इरादा दोनों है. ओआईसी ऐसा मानवाधिकारों के सिलसिलेवार उल्लंघनकर्ता और सीमा पार आतंकवाद के एक बेपरवाह प्रमोटर के इशारे पर करता है, जिससे उसकी कार्रवाई और भी संदिग्ध हो जाती है. इस तरह के बयान केवल ओआईसी की विश्वसनीयता को कमजोर करते हैं."
भारत हर बार ओआईसी के बयानों का डटकर जवाब देता है, इसके बावजूद संगठन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है.
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