(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बूढ़े इंसानों को किया जा सकता है जवान... अमेरिका में चूहों को लेकर अनोखा प्रयोग आपको पढ़ना चाहिए
Unique Experiment on Rats: जीव वैज्ञानिक डेविड सिंक्लेयर (David Sinclair) का मानना है कि हमारे शरीर में युवावस्था की बैकअप कॉपी होती है, जिसे फिर से एक्टिव किया जा सकता है.
Old Mice Grow young in Study: दुनिया में हर एक इंसान को सुंदर और जवान बने रहने की चाहत होती है. महिला से लेकर पुरूषों तक एंटी एजिंग को लेकर उपाय करते रहे हैं. इस बीच अमेरिका में हुए एक बेहद ही अनोखे प्रयोग के बाद इंसानों की बढ़ती उम्र की समस्या के सुलझने को लेकर उम्मीद की किरण जागी है. अमेरिका (America) में चूहों पर हाल में प्रयोग (Experiment on Mice) बोस्टन की प्रयोगशाला (Boston Labs) में किए गए हैं.
अमेरिका में चूहों (Rat) को लेकर हुए प्रयोग में बेहद ही चौंकाने वाले परिणाम निकलकर सामने आए हैं. यहां बूढ़े चूहों को एक बार फिर से जवान बना दिया गया.
बुजुर्ग चूहे फिर हुए जवान
बोस्टन की प्रयोगशाला के जो नतीजे सामने आए, वो बेहद ही अचंभित करने वाले रहे. बूढ़े और अंधे चूहों ने अपनी दृष्टि वापस पा ली. इसके साथ ही चूहों का दिमाग युवा की तरह काफी एक्टिव हो गया. चूहों की मांसपेशियां स्वस्थ हो गई. साथ ही किडनी में नए ऊत्तकों का निर्माण भी हुआ. इस प्रयोग के बाद इंसानों के जवान और सुंदर बने रहने को लेकर मेडिकल रिसर्च की राह आसान हो सकती है. इंसानों की बढ़ती उम्र को रोकने में इस प्रयोग से मदद मिलने की संभावना जताई जा रही है.
क्या बूढ़े इंसान हो सकते हैं जवान?
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में जेनेटिक्स के प्रोफेसर और पॉल एफ ग्लेन सेंटर के को-डायरेक्टर डेविड सिंक्लेयर की मानें तो इन प्रयोगों से साफ तौर से पता चलता है कि बुढ़ापे की स्थिति एक प्रतिवर्ती प्रक्रिया (Reversible Process) है, जो इच्छा के मुताबिक आगे या पीछे ऑपरेट होने में सक्षम है. एंटी एजिंग एक्सपर्ट ने आगे ये भी कहा कि इंसानों के शरीर में युवावस्था की बैकअप कॉपी होती है, जिसे फिर से वापस पाने के लिए उसे ट्रिगर करना संभव है.
इंसानों की उम्र को रोकना होगा संभव?
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक जर्नल सेल में गुरुवार को पहली बार प्रकाशित ज्वाइंट एक्सपेरिमेंट में साइंटिस्ट के विश्वास को चुनौती देते हैं कि उम्र बढ़ना जेनेटिक म्यूटेशन (Genetic Mutations) का नतीजा है जो हमारे डीएनए (DNA) को कमजोर करता है और ये बीमारी या मौत की वजह बन सकती है. सिंक्लेयर का मानना है कि बूढ़ा होने की वजह शरीर में क्षतिग्रस्त कोशिकाएं नहीं हैं बल्कि कोशिकाओं में जानकारी के अभाव से बुढ़ापा आता है.
लैब में एक जेनेटिक्स रिसर्च फेलो और को-राइटर जे-ह्यून यांग ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रयोग के निष्कर्ष उस दृष्टिकोण को बदल देंगे, जिसमें हम उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को देखते हैं और उससे जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए काम करते हैं.
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