संयुक्त राष्ट्र का अगला महासचिव चुने जाने की दिशा में 31 जनवरी को पहला कदम बढ़ाए जाने की उम्मीद
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष वोल्कान बोजकिर ने शुक्रवार को कहा कि वे और सुरक्षा परिषद के मौजूदा प्रमुख तारिक लादेब 31 जनवरी से पहले संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों को पत्र भेजकर मौजूदा महासचिव एंतोनियो गुतारेस के खिलाफ उम्मीदवार उतारने के बारे में कह सकते हैं.
संयुक्त राष्ट्रः संयुक्त राष्ट्र महासभा तथा सुरक्षा परिषद को इस वैश्विक संगठन का अगला प्रमुख चुनने की दिशा में इस महीने के अंत में पहला कदम उठाए उठाए जाने की उम्मीद है. महासभा के अध्यक्ष वोल्कान बोजकिर ने शुक्रवार को कहा कि वह और संयुक्त राष्ट्र में ट्यूनीशिया के राजदूत एवं सुरक्षा परिषद के मौजूदा प्रमुख तारिक लादेब 31 जनवरी से पहले संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों को पत्र भेजकर मौजूदा महासचिव एंतोनियो गुतारेस के खिलाफ उम्मीदवार उतारने के बारे में कह सकते हैं.
संयुक्त राष्ट्र के मौजूदा महासचिव एवं पुर्तगाल के प्रधानमंत्री रह चुके गुतारेस का पांच वर्ष का कार्यकाल 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है. उन्होंने सोमवार को बोजकिर तथा लादेब को पत्र लिखकर कहा था कि वह दूसरे कार्यकाल के लिये तैयार हैं.
वीटो पावर वाले देशों की भूमिका महत्वपूर्ण महासभा 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की अनुशंसा पर महासचिव का चुनाव करती है. सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों के पास 'वीटो' शक्ति होती है. इसलिये उनका समर्थन बेहद महत्वपूर्ण है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पहले ही गुतारेस का समर्थन कर चुके हैं, लेकिन 'वीटो' शक्ति प्राप्त अन्य देशों अमेरिका, रूस, चीन और फ्रांस ने इस पर अभी तक कुछ नहीं कहा है.
सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्य बन चुका है भारत साल 2021 के साथ भारत भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का भी सदस्य बन चुका है. जून 2020 में भारी बहुमत से जीत दर्ज करने के बाद 1 जनवरी से बतौर अस्थाई सदस्य भारत की यह 8वीं पारी शुरू की है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बतौर अस्थाई सदस्य भारत का दो साल का कार्यकाल ऐसे वक्त शुरू हुआ है जब कोरोना महामारी से लेकर अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा,शांति स्थापना समेत कई चुनौतियां खड़ी हैं. साथ ही कोविड19 संकट के दौरान यूएन समेत अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में व्यापक सुधारों की मांग भी काफी मुखर हो रही है. खुद भारत भी सुरक्षा परिषद समेत प्रमुख संस्थाओं में बदलावों का बड़ा पक्षधर रहा है.
IMF ने की भारत की प्रशंसा, कहा- कोरोना वायरस महामारी की लड़ाई में उठाया 'बहुत साहसिक' कदम