पांच में से एक अमेरिकी ने माना कोविड-19 के कारण एक परिजन या दोस्त की मौत, सर्वेक्षण से खुलासा
1 मार्च, 2020 से 19 फीसद अमेरिकी लोगों ने या तो रिश्तेदार या करीबी दोस्त की मौत कोरोना वायरस से होने की बात स्वीकार की. कुल काले नागरिकों में से 30 फीसद और हिस्पैनिक की 29 फीसद आबादी ने 15 फीसद गोरों के मुकाबले कहा कि बीमारी से उनके एक प्रियजन का निधन हो गया.
पांच में से करीब एक अमेरिकी का कहना है कि उन्होंने या तो रिश्तेदार या करीबी दोस्त को कोरोना वायरस के चलते खो दिया है. एसोसिएटेड प्रेस और एनओआरसी सेंटर फोर पब्लिक रिसर्च के नए सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, 19 फीसद अमेरिकी व्यस्कों ने बताया कि उनके एक प्रियजन की कोविड-19 से मौत हुई है.
पांच में से एक अमेरिकी के रिश्तेदार या दोस्त की कोरोना से मौत
काले और हिस्पैनिक अमेरिकी लोगों ने गोरों के मुकाबले दो बार अपने परिवार के एक सदस्य या एक दोस्त के महामारी के दौरान निधन की बात बताई. 15 फीसद कॉकेशियन के मुकाबले 30 फीसद अफ्रीकी अमेरिकी और 29 फीसद लैटिनो ने बताया कि उन्होंने किसी को खो दिया है. इससे आगे, 30 हजार से कम सालाना कमानेवाले 24 फीसद लोगों का कहना है कि उनके किसी प्रियजन की मौत कोविड-19 से हुई है. सर्वेक्षण बताता है कि बहुत सारे लोग अभी भी शोक में हैं और सुरक्षित रहने के लिए जारी संघर्ष पर निराशा जता रहे हैं. सर्वेक्षण से ये भी खुलासा हुआ कि कोविड-19 से संक्रमित होने की अमेरिकी नागरिकों के बीच आशंका हाल के महीनों में कम हुई.
सर्वेक्षण से टीकाकरण अभियान में रंगभेद का भी हुआ खुलासा
सर्वे में शामिल 10 में से करीब तीन लोग खुद के या परिवारिक सदस्य के वायरस से संक्रमित होने को लेकर बहुत चिंतित दिखे. यानी हाल के महीनों में 10 में से करीब चार से नीचे आंकड़ा आ गया. हालांकि, अमेरिकी लोगों की अधिकतर 67 फीसद संख्या ने चिंता जाहिर की. सर्वे से कोरोना वायरस के खिलाफ चल रहे कोविड-19 टीकाकरण अभियान पर रंगभेद का भी खुलासा हुआ. 16 फीसद काले अमेरिकी और 15 फीसद हिस्पैनिक अमेरिकी का कहना है कि उन्हें कम से कम एक डोज लग चुका है, इसके विपरीत डोज लगवाने वालों की 26 फीसद संख्या गोरे लोगों की रही.
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