दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा मार अमेरिका में पड़ी है. कोरना संक्रमित देशों की लिस्ट में अमेरिका सबसे ऊपर है, यहां अभी तक 2 करोड़ 84 लाख से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. वहीं बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौर के बीच सेना के एक-तिहाई लोगों ने कोरोना वैक्सीन लगाने से मना कर दिया है.
अमेरिकी सेना ने कोरोना वेक्सीन को किया इंकार
कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अमेरिका में इमरजेंसी की स्थिति में फाइजर वैक्सीन को लगाने की इजाजत दी गई है. जिसके बाद अब इस बात का खुलासा हुआ है कि अमेरिकी सेना का लगभग एक-तिहाई हिस्सा कोरोना वैक्सीन को लगाने से इंकार कर रहा है. इस बात का खुसाला पेंटागन के अधिकारियों ने बुधवार को किया है.
अमेरिकी सेना पर संक्रमण का असर
मेजर जनरल जेफ तालिफ़ेरो ने कांग्रेस की सुनवाई में खुलासा करते हुए साफ किया है कि 'अमेरिका में सेना का एक बड़ा हिस्सा कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित है. वहीं अमेरिकी रक्षा विभाग कोरोना वैक्सीन को वैकल्पिक के रूप में जारी रखता है, इसलिए सेना के लगभग एक-तिहाई हिस्से ने कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल से इंकार कर दिया है.'
कोरोना वैक्सीन को नहीं मिली है फ़ेडरल ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से स्वीकृति
जेफ तालिफ़ेरो ने साफ तौर पर कहा है कि देश में अभी तक किसी भी कोरोना वैक्सीन को फ़ेडरल ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से पूर्ण स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है. इसलिए सेना के बड़े हिस्से ने कोरोना वैक्सीन को लेने से इंकार कर दिया है. तालिफेरो ने कहा कि यह आंकड़ा शुरुआती प्रारंभिक डेटा पर आधारित है.
पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि टीकाकरण पर कोई विस्तृत सैन्य-विस्तृत डेटा नहीं था, इनकार का स्तर सामान्य आबादी के बराबर है, जहां लगभग वैक्सीन की पेशकश नहीं की गई है. हम सेना में मूल रूप से अमेरिकी समाज की स्वीकृति दरों को दर्शाते हैं.
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