पाकिस्तानी में सत्ता दल और विपक्षी दलों के बीच सियासी जंग नेशनल असेंबली के अंदर औऱ बाहर दोनों जगह लड़ी जा रही है. असेंबली में जंग अविश्वास प्रस्ताव पर बाजी मारने को लेकर है, तो बाहर जुबानी जंग जारी है. नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ ने हाल ही दिए गए अपने बयान "भिखारी चयनकर्ता नहीं हो सकते" का बचाव करते हुए कहा है कि इस तरह का बयान उन्होंने पहली बार नहीं दिया है. वह लगातार इस मुद्दे को उठाते रहे हैं.


'बिना आत्मनिर्भरता के स्वतंत्रता संभव नहीं'


पीएमएल-एन के अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री इमरान खान के राष्ट्र के साथ सवाल-जवाब सत्र के तुरंत बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, “हम एक के बाद एक कर्ज लेते जा रहे हैं, हमें इन बेड़ियों को तोड़ना होगा, लेकिन इन्हें तोड़ना आसान नहीं होगा.” उन्होंने कहा कि, “मुझे इमरान खान की बकवास की परवाह नहीं है. अगर देश आर्थिक रूप से सशक्त नहीं है तो इसकी आजादी का कोई मतलब नहीं रह जाता है. आत्मनिर्भरता के बिना "स्वतंत्रता" संभव नहीं है.


'पाकिस्तान नहीं है आर्थिक रूप से स्वतंत्र'


शाहबाज शरीफ ने कहा कि, पाकिस्तान अभी तक आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं हुआ है. उन्होंने जर्मनी और जापान का उदाहरण देते हुए कहा कि, “दोनों ही देश द्वितीय विश्व युद्ध में हार गए थे, लेकिन इन सबने कड़ी मेहनत से अपना अलग मुकाम हासिल किया है."


'इमरान पर पहले दर्ज हो देशद्रोह का मुकदमा'


शाहबाज शरीफ ने पीएम इमरान खान पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि, “इमरान के खिलाफ पहले देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. उन्होंने देश के गौरव को नुकसान पहुंचाया है. अगर राजनेता देशद्रोह और देशभक्ति में शामिल होते हैं तो मामला हाथ से निकल जाता है." बता दें कि शाहबाज का देशद्रोह का बयान तब आया है जब पीएम इमरान ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव एक विदेशी साजिश है. शाहबाज ने कहा कि, “इमरान खान हार मानने के बजाय देश को बांटने में लगे हैं. वह संवैधानिक और कानूनी रास्ते पर चलने से इनकार कर रहे हैं. वह सीधे संविधान पर हमला कर रहे हैं.”


ये भी पढ़ें


पाकिस्तान: इमरान को आज पंजाब प्रांत में साबित करना होगा बहुमत, जानिए क्या है विधानसभा की स्थिति


इमरान खान पर फैसले का दिन आज, संसद में बहुमत साबित करने की चुनौती, इस्लामाबाद में धारा 144 लागूइ