लंदन: ब्रिटेन में 15 फीसदी आबादी को कोरोना का पहला टीका लग गया है, लेकिन यहां संक्रमण की दर अभी भी ज्यादा है. इस बीच कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एस्ट्राजेनेका के टीके को ईजाद करने वाले वैज्ञानिकों ने बड़ा दावा किया है. दावा है कि ये टीका ब्रिटेन में पता चले कोविड-19 के नए स्वरूप के खिलाफ भी काम कर सकता है. फाइजर और मॉडर्ना समेत अन्य टीका विनिर्माताओं द्वारा पूर्व में पाए गए परिणामों के यह समान है.


एस्ट्राजेनेका टीका बनाने में मदद करने वाले ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एंड्रयू पोलार्ड ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि यह टीका कोरोना संक्रमित लोगों में वायरस के फैलने की दर को भी धीमा कर सकता है." रिसर्चर्स दक्षिण अफ्रीका में पता चले कोरोना के नए स्वरूप के खिलाफ भी टीके की संभावित प्रभाव क्षमता का अध्ययन कर रहे हैं.


ब्रिटेन 19 लाख से ज्यादा एक्टिव कोरोना केस
ब्रिटेन अपनी वर्तमान कोरोना लहर के चरम को पार कर चुका है. ब्रिटेन दुनिया का पांचवा कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है. यहां अबतक करीब 40 लाख लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जिसमें से एक लाख 11 हजार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. करीब 19 लाख लोग वायरस से ठीक हो चुके हैं लेकिन 19 लाख से ज्यादा लोग यहां अभी कोरोना से संक्रमिक हैं.


ब्रिटेन में एक करोड़ लोगों को कोरोना वायरस वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है. इंग्लैंड में 75 साल से अधिक उम्र के 90 फीसदी लोगों को कोविड वैक्सीन की पहली खुराक मिली है. देश में महामारी के प्रकोप के बाद से इंग्लैंड में फिलहाल तीसरा देशव्यापी लॉकडाउन लगा हुआ है. इसी तरह का प्रतिबंध स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में भी है.


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