Pak-Afghan Relations:  अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार ने हाल ही में सीमा पार कई हमलों में लगभग एक दर्जन पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने और इस्लामाबाद की ओर से कड़ा विरोध दर्ज कराए जाने के बाद आतंकवादी समूहों को पाकिस्तान की सीमा से लगे क्षेत्रों से हटाने के लिए कदम उठाना शुरू कर दिया है. मीडिया में सोमवार को आए एक समाचार में यह बात कही गई.


पाकिस्तान प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) सहित अन्य आतंकी समूहों को खत्म करने को लेकर तालिबान सरकार की अनिच्छा से हाल के दिनों में काफी निराश हुआ है. तालिबान नेतृत्व इस तरह की कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि इन समूहों ने तालिबान के साथ अमेरिका के नेतृत्व वाले विदेशी बलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और इनकी विचारधारा एक जैसी है.


पाकिस्तान ने दी स्पष्ट चेतावनी
घटनाक्रम से परिचित एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने रविवार को द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि हाल में सीमा पार से हुए हमलों के बाद, पाकिस्तान ने तालिबान नेतृत्व को स्पष्ट शब्दों में आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने या परिणाम भुगतने के लिए कहा.


इतनी कार्रवाई से संतुष्ट नहीं पाकिस्तान
अधिकारी ने कहा, "कुछ समूहों को पहले ही हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों से हटा दिया गया है." उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हालांकि सिर्फ इतनी कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है, लेकिन कम से कम तात्कालिक रूप से सीमा पार से हमलों को रोकने के तालिबान के फैसले को स्वीकार करता है. खबर में अधिकारी के हवाले से कहा गया, "हमारी मांग स्पष्ट है कि इन समूहों को खत्म किया जाना चाहिए या इस तरह की कार्रवाई की जानी चाहिए कि वे फिर कभी हमारे लिए खतरा पैदा न करें."


आतंकवादी हमलों में कई पाकिस्तानी मारे गए
हाल के सप्ताह में सीमा पार से आतंकवादी हमलों में वृद्धि हुई है जिसमें कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं. उत्तरी वजीरिस्तान में शनिवार को सीमा पार से आए आतंकियों के हमले में तीन पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे. 14 अप्रैल को एक और आतंकवादी हमले में सात पाकिस्तानी सैनिकों की जान चली गई थी. उस हमले के बाद, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के कुनार और खोस्त प्रांतों में कथित तौर पर आतंकवादी ठिकानों को खत्म करने के लिए हवाई हमले किए थे.


अफगानिस्तान में जब तालिबान पिछले वर्ष सत्ता में लौटा था तो पाकिस्तान को उम्मीद थी कि नई सरकार इन आतंकवादी समूहों से निपटेगी. अधिकारी ने कहा कि वादों के बावजूद तालिबान ने अभी तक अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं की है.


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