भगौड़े इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के बयानों ने पाकिस्तान में बवाल मचाया हुआ है. पाकिस्तानी एक्सपर्ट बैरिस्टर हामिद बशनी और कमर चीमा ने जाकिर नाइक को स्टेट गेस्ट के तौर पर बुलाए जाने के सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना की है. उनका कहना है कि जाकिर नाइक स्टेट गेस्ट के तौर पर बुलाए जाने के लायक नहीं है. उसकी पहचान सिर्फ ये है कि वह टोपी पहनता है, दाढ़ी रखता है और इंग्लिश में दीन की बातें करता है, कई मौलाना तो इंग्लिश में बातें नहीं करते हैं इसलिए वह अंधों में काना सरदार है.


हामिद बशनी ने कहा कि जाकिर नाइक कम्युनिटी के अंदर एक कोंट्रोवर्शियल पर्सनैलिटी है, जिसको किसी सूरत में इस तरह का स्टेट गेस्ट मंजूर ही नहीं करता है बाय नो मीन. हामिद बशनी ने तारिक जमील जैसे पाकिस्तानी के मौलानाओं को भी निशाने पर लिया और कहा कि वह जाकिर नाइक के कार्यक्रम में ये लोग कीमती सोफे पर बैठे थे और लोगों से कहते हैं कि ऐसे नमाज पढ़ें ये करें वो करें.


जाकिर नाइक ने पाकिस्तान में डिक्टेटरशिप का समर्थन किया है. दूसरा उसने कहा है कि इस्लाम के अंदर औरत का इक्तेदार यानी सत्ता में उनकी मौजूदगी हराम है. इस पर कमर चीमा ने कहा कि पाकिस्तान में एक सूबे में महिला मुख्यमंत्री हैं, हमारी विदेश मंत्री, नेशनल असेंबली की स्पीकर और प्रधानमंत्री खातून रही हैं. तो ये किस तरह का मैसेज पाकिस्तान की सोसाइटी को दिया जा रहा है कि एक शख्स आकर सरकार की फंडामेंटल बदल रहा है. उन्होंने कहा कि जाकिर नाइक स्टेट गेस्ट हैं और किस तरह वह पाकिस्तान पर हमले कर रहे हैं. कभी औरतों को लेकर, कभी ऑर्फेंज के लड़कियों को लेकर तो कभी वह लाइव टीवी पर बैठकर एंकर को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं और पाकिस्तानी मीडिया या कोई और उसको कुछ बोल ही नहीं रहा है.


इस पर बैरिस्टर हामिद बशनी ने कहा कि पाकिस्तान में आमतौर पर पढ़े-लिखे लोगों में यह गलफहमी है कि कोई धार्मिक प्रवचन देता है, आलम-ए-दीन है, कहीं तब्लीगी है तो लोग सोचते हैं कि वह सबकुछ जानता है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है. वास्तव में उसका इल्म बड़ा महत्वपूर्ण होता है. फील्ड के अंदर वह बहुत मेहनत करते हैं और अपनी एक निजी खास ब्रांड बनाते हैं और उसमें जाकिर नाइक नंबर वन पर हैं. उन्होंने कहा कि आम लोगों की मेमोरी भी इतनी ही होती है, जितनी इन लोगों की है. आयत नंबर ये याद है वो याद है तो इसका मतलब ये नहीं कि आप उसकी नमाज करते फिरें.


हामिद बशनी ने कहा, 'जाकिर नाइक ने जो कहा है कि मुझे फर्क नहीं पड़ता जमूरियत है या नहीं हैं, ये गलत है. ये कहना कि कोई जालम हुक्मरान लोगों पर मुसल्लत हो जाए और वह अपने आदेश जारी करना शुरू कर दे तो मुझे कोई दिक्कत नहीं. आपको तो वैसे भी कोई प्रॉब्लम नहीं क्योंकि आप तो प्रीविलेज किस्म की क्लास से हैं, जिसकी वजह से आप फायदे उठा रहे हैं. ये सब लोगों को गुमराह करने वाली बात है.'


उन्होंने कहा जाकिर नाइक के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई ह कि सत्ता में महिलाओं की मौजदूगी हराम है. उन्होंने कहा कि ये लोगों को गुमराह करने वाली बात है. आप एक सिस्टम के अंदर रहते हैं, जहां पर लोग ये फैसला करते हैं कि हमारा हुक्मरान कौन होगा तो उसमें लोग फ्री कंसेंट के साथ अगर जाकर ये फैसले करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर लोग वोट डालने जाएं और वहां जाकर सोचें कि इसका जेंडर क्या है तो ये बात खुदा को मंजूर नहीं है. खुदा को मंजूर नहीं कि उसके मखलूक का कोई हिस्सा हुक्मरान बने तो तो कोई उसको इसकी इजाजत न दे. उन्होंने कहा कि अल्लाह ने किसी मगरमच्छ को तो बादशाह बनाने की इजाजत नहीं दी है न. तो महिलाओं को इसका हक न देने की बात करना तो लोगों को गुमराह करने वाली बात है.


जाकिर नाइक के मामले में भारत की बात करते हुए हामिद बशनी ने कहा कि जाकिर नाइक को भारत में क्या प्रीविलेज मिले हैं या नहीं मिले हैं, वो उनको पता होगा, लेकिन वहां इस तरह के लोगों ने जबरदस्ती भी प्रीविलेज ली हुई हैं. ब्लैकमेलिंग और धांधली के जरिए. उन्होंने कहा कि मीडिया के अनुसार ये लोग हाथ जोड़कर, मांग-तांग करके मरात लेते हैं और फिर 20-20 मिलियन और बिलियन के बिजनेस करते हैं और मुसलमानों से आकर कहते हैं कि गुरबत में जिंदगी गुजारो. उन्होंने जाकिर नाइक को पाकिस्तान बुलाए जाने के सरकार के फैसले पर ऐतराज जताते हुए कहा कि ये बेसिकली पाकिस्तान के हुक्मरान ने अपने लिए जो पिंडोरा बॉक्स खोल दिया है, उसको रोकने के लिए उन्हें इस तरह के हरबे चाहिए. पहले भी ऐसा होता रहा है और ये ऐसे लोगों को मंगवाते रहे हैं बाहर से और फिर ऐसे लोग समाज को गुमराह करते हैं.


हामिद बशनी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में पहले ही ऐसे लोग कम हैं क्या कि एक और को निकाल कर ले आए. पाकिस्तान में रिलीजियस बेसिस पर हाइली डिवाइडेड सोसाइटी क्रिएट कर दी है, जो खतरनाक किस्म की थ्रेट बनती जा रही है. हामिद बशनी ने मौलाना तारिक जमील और मेहमूद अयाज का जिक्र करते हुए कहा कि जाकिर नाइक के कार्यक्रम में ये लोग किमती सोफों पर ऐसे बैठे हैं जैसे कि पूरी जमीन और कायनात बेचकर बैठ गए हैं और लोगों से ये कहते हैं कि हाथ ऊपर करके नमाज पढ़ो, नीचे करके पढ़ो और टोपी इस तरह नहीं उस तरह पहनो.   


कमर चीमा ने उनसे जाकिर नाइक के उस बयान पर भी सवाल किया जिसमें वह एक टीवी चैनल पर बैठकर कह रहा है कि अगर किसी एंकर को देखकर मर्द के दिल में कुछ न हो तो वह मेडकली फिट नहीं है. इस पर हामिद बशनी ने कहा कि जाकिर नाइक मीडिया का ही आदमी है और वह जो दीन की बातें करता है उसको वह चैनल्स पर टूल की तरह इस्तेमाल करता है. उन्होंने कहा कि ये सब बगैर किसी बेनिफिट के थोड़े उसको बुला रहे हैं. मिलियन व्यूज, यूट्यूब-फेसबुक सब्सक्राइबर, इस तरह के म्युचुअल बेनेफिट होते हैं. सब एक-दूसरे को फायदा दे रहे हैं.


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