भारत में चल रहे रासीना डायलॉग में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कश्मीर मुद्दे के लिए अमेरिका और ब्रिटेन को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने नाम लिए बगैर पाकिस्तान को खूब सुनाई कहा कि ये अतिक्रमण था, जो 1947 में हुआ और संयुक्त राष्ट्र में इसको विवाद बना दिया गया. इसके दोषी ब्रिटेन, कनाडा, बेल्जियम, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका थे. इसे लेकर पाक एक्सपर्ट कमर चीमा का कहना है कि ब्रिटेन, कनाडा जैसे देशों की ताकत अब कम हो गई है और इंडिया की ताकत बढ़ती जा रही है इसलिए उसकी तनकीद करने की हिम्मत भी बढ़ती जा रही है.


कमर चीमा से पूछा गया कि क्या जयशंकर के इस बयान से पाकिस्तान पर उसके स्टैंड को लेकर दुनिया का नजरिया बदलेगा. इस पर पाक एक्सपर्ट कमर चीमा ने कहा, 'इन देशों को बहुत सारी चीजें पता होती हैं. ब्रिटेन जिस हालत में कश्मीर को छोड़कर गया था तो क्या उसको नहीं पता था कि वो क्या कर रहा है. जब वह पाकिस्तान की शक्ल ऐसी बनाकर गया था कि बांग्लादेश अलग हो गया, तो क्या उसको नहीं पता था कि वो क्या रहा है. उनको पता था कि वे क्या करके जा रहे थे.'


उन्होंने कहा कि इसी तरह अमेरिका को भी बहुत सारी चीजें पता होती हैं, तो इनका ग्लोबल इंफ्लूएंस एक है. ब्रिटेन, अमेरिका दोनों यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के प्रमुख मेंबर हैं और दोनों एक तरह के वोट डालते हैं. इसी तरह फ्रांस है. ये तीनों एक तरफ हो जाते हैं और दो एक साइड पर हो जाते हैं.


कमर चीमा ने कहा कि जब इन देशों ने देखा कि यूनाइटेड नेशन से काम नहीं चल रहा तो इन्होंने G7 बना लिया. फिर G7 के फोरम से सेंक्शन लगाना शुरू कर दिए. उन्होंने कहा कि इस वक्त ब्रिटेन, बेल्जियम, कनाडा, ऑस्टेलिया की पावर कम हो गई है. इंडिया पांचवी सबसे बड़ी इकोनॉमी है और वह जल्दी ही चौथे नंबर पर होगा तो वह अहम होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब दुनिया के अंदर इंडिया की तनकीद करने की हिम्मत बढ़ती जा रही है. ये सारे मुल्क तो भारत आते हैं और कहते हैं कि हम आपके साथ स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप चाहते हैं. 


 


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