'UN मेंबर बन भी जाए पर क्या अमेरिका-ब्रिटेन जितनी कैपिबिलिटी...' PAK एक्सपर्ट ने इंडियन मिलिट्री और इकोनॉमी पर क्या-क्या कह दिया?
पाक एक्सपर्ट कमर चीमा ने कहा कि इंडिया भले दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन वहां पर कैपिटा इनकम काफी कम है.

खुद कर्ज तले दबे पाकिस्तान के एक एक्सपर्ट ने इंडियन मिलिट्री, इकोनॉमी और विश्व स्तर पर उसके पॉलिटिकल लेवल पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि इंडिया यूनाइटेड नेशन के रिफॉर्म्स पर फोकस कर रहा है, लेकिन उसकी ग्लोबल लेवल पर कैबिलिटी उतनी नहीं है. उन्होंने कहा कि मिलिट्री के लिए हार्डवेयर ये दूसरे मुल्कों से मंगवाते हैं. पर कैपिटा इनकम इनकी कम है, कोई बड़ा मुद्दा हो तो कितने देश इनका साथ देने के लिए आएंगे.
पाक एक्सपर्ट कमर चीमा ने कहा कि अब इंडिया यूएन के रिफॉर्म्स पर फोकस कर रहा है, लेकिन क्या उसकी कैपेबिलिटी है वर्ल्ड स्टेज पर चीजों को चलाने की है. नहीं इंडिया की कैपेबिलिटी नहीं है वर्ल्ड स्टेज पर. उन्होंने कहा कि कैपेबिलिटी कैसे आती है. जो ग्लोबल पावर चेसबोर्ड है उसमें तीन चीजें हैं. मिलिट्री, इकोनॉमी और पॉलिटिक्स.
कमर चीमा ने कहा कि मिलिट्री के मामले में इंडिया कहां खड़ा है. इंडियन मिलिट्री तो सारा हार्डवेयर इंपोर्ट करती है. अमेरिका, रूस, फ्रांस से ले रहे हैं. ये तो अपना मिलिट्री हार्डवेयर नहीं बनाता. इस मामले में वह सेल्फ रिलायंस नहीं है.
उन्होंने कहा कि हां, एयरक्राफ्ट बनाए हैं, लेकिन इन एयरक्राफ्ट के ऊपर उड़ाने के लिए ड्रोन अमेरिका से आए हैं. फ्रांस से राफेल आएंगे. पाक एक्सपर्ट कमर चीमा ने आगे कहा कि अब बात पॉलिटिक्स की करें तो पॉलिटिकली भारत कहां खड़ा है. अगर कोई बड़ा इशू आ जाए तो दुनिया के कौन से मुल्क उसके साथ आएंगे.
उन्होंने कहा कि अब इकोनॉमी की बात करें तो भले भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो, लेकिन उसकी पर कैपिटा इनकम कितनी है. दुनिया ये सब समझती है कि पर कैपिटा इनकम 2400-2500 रुपये के करीब होगी. उन्होंने कहा कि ये डेटा वह उदाहरण के तौर पर बता रहे हैं.
पाकिस्तान पर कितना कर्ज?
पाकिस्तान इस वक्त कर्ज में डूबा है. हर साल या तो वह कर्ज के लिए दूसरे मुल्कों में जाता है या फिर उन मुल्कों से मौजूदा कर्ज को चुकाने की समयसीमा बढ़ाने की गुजारिश करता है. वर्ल्ड बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से भी उसने खूब कर्जा लिया हुआ है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर जमील अहमद ने पिछले साल बताया था कि साल 2025 में पाकिस्तान का कुल बकाया कर्ज 26.2 बिलियन डॉलर पर पहुंच जाएगा.
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