इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने की जयशंकर की तारीफ तो PAK एक्सपर्ट बोले- हमारे विदेश मंत्री तो सिसक-सिसक कर...
कमर चीमा ने कहा कि पाकिस्तान ने 75, 76, 77 साल आलम-ए-इस्लाम को मजहब का चूरण बेचा और आज तमाम मुस्लिम देश भारत की तरफ हो गए हैं.
ब्राजील में G-20 देशों के सम्मेलन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति एच. ई. प्रबावो सुबियांतो से जैसे ही मिलने के लिए हाथ बढ़ाया और अपना परिचय दिया तो उन्होंने कहा- मैं आपको जानता हूं. इंडोनेशियाई राष्ट्रपति की यह बात सुनकर जयशंकर बेहद खुश हो गए. प्रबावो सुबियांतो के इस रुख पर पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने जयशंकर के काम की तारीफ की और कहा कि यह बहुत बड़ी बात है कि किसी देश के राष्ट्रपति आपसे ऐसी बात कहें. उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री के हाल पर चिंता जताई और कहा कि उनके दिन सिसक-सिसक कर गुजर रहे हैं.
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति एच. ई. प्रबावो सुबियांतो पहले पीएम नरेंद्र मोदी से मिले और जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उनसे अपना इंट्रोडक्शन करवाया तो इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने उनसे कहा, 'आई नो यू, यू आर वेरी फेमस.' यह सुनकर जयशंकर खुश हो गए और ब्लश करने लगे. कमर चीमा ने कहा कि अगर जयशंकर इस पॉजिशन में न हों तो नरेंद्र मोदी को दुनिया को अपना केस समझाना मुश्किल हो जाए. उन्होंने अपनी सरकार के लिए बहुत अच्छा काम किया है.
कमर चीमा ने कहा कि जयशंकर साहब को हर कोई जानता है. भारत जैसे देश में जहां डेढ़ करोड़ की आबादी है, वहां किसी शख्स को पांच साल के लिए अपने पद पर रहना और फिर दोबारा वही पद हासिल करना बड़ी बात होती है. उन्होंने कहा, 'कई लोगों का कहना है कि भारत की फॉरेन पॉलिसी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोबाल डिक्टेट करते हैं. मुझे लगता है कि ये मोदी डोक्टरेन है, जिसे डोभाल और जयशंकर फ्रेम और पैकेज करते हैं. वैसे जयशंकर साहब की पर्सनैलिटी पर बात होनी चाहिए. कैसे वह नेरेटिव बनाते हैं, वह सारी चीजें कैसे करते हैं. उन्होंने भारत की विदेश पॉलिसी को बहुत मोमेंटम दिया है.'
कमर चीमा ने कहा कि प्रबावो सुबियांतो इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री भी रहे हैं. इसी साल फरवरी में उन्होंने इलेक्शन जीता और इस्लाम के पवित्र किताब पर हाथ रखकर उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान ने 75, 76, 77 साल आलम-ए-इस्लाम को मजहब का चूरण बेचा और आज तमाम मुस्लिम देश भारत की तरफ हो गए हैं. इसी से अंदाजा लगा लीजिए कि भारत के कैसे विश्वस्तर पर अपना प्रभाव डाल रहे हैं. किसी ने कभी नहीं सोचा होगा कि इंडोनेशिया, मलेशिया, यूएई और सऊदी अरब भारत के साथ ऐसे दोस्त होंगे. देखिए ये पाकिस्तान की नाकामी भी है और उसने दुनिया को बेवकूफ भी बनाया.'
कमर चीमा ने पाकिस्तान में मंत्रियों को चुने जाने की प्रक्रिया पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के जो विदेश मंत्री हैं मोहम्मद इशाक डार, वह वित्त मंत्री बनना चाहते थे, लेकिन उन्हें नहीं बनाया गया. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और सारे डोनर्स कहते थे कि वह इकोनॉमी को बड़ा कंट्रोल करते हैं तो इनको वित्त मंत्री नहीं होना चाहिए. तो उनको विदेश मंत्री या डिप्टी प्राइम मिनिस्टर बना दें. मुझे लगता है कि पाकिस्तान को भी जयशंकर की तरह किसी ज्यादा काबिल शख्स को विदेश मंत्री बनाना चाहिए था.'
कमर चीमा ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री का सारा वक्त सिसक-सिसक कर गुजर रहा है कि यह नहीं कहना, वो नहीं कहना. हमारी उनसे मुलाकात होती है तो पता चलता है कि उनका क्या हाल है, वे तो बेचारे किसी से बात भी नहीं कर सकते.
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