कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल के दिनों में खालिस्तानी नेताओं को लेकर जो सपोर्ट दिखाया है, उसे लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि वह कनाडा में खालिस्तान बनाना चाहते हैं. पाकिस्तानी एक्सपर्ट साजिद तरार ने कहा कि जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तान के लिए जो कमिटमेंट दिखाई है, उतने तो सिख भी प्रतिबद्ध नजर नहीं आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि गाजा और खालिस्तान को लेकर कनाडा ने डबल स्टैंडर्ड दिखाया है. इतने फिलिस्तीनी मारे गए तो वेस्ट कुछ नहीं बोला और खालिस्तान के लिए सपोर्ट दिखा रहे हैं.  


साजिद तरार ने कहा, 'मैं भारत को मुबारकबाद देना चाहूंगा कि जस्टिन ट्रूडो ने जाते-जाते कनाडा के अंदर खालिस्तान की बुनियाद रख दी. खालिस्तान के लिए जो उनकी कमिटेमेंट है, मैं समझता हूं कि इतने ज्यादा तो सिख खालिस्तान को लेकर कमिटिड नहीं हैं, जितने जस्टिन ट्रूडो हैं. उन्होंने अपनी कमिटमेंट का इजहार किया है.'


साजिद तरार ने कहा कि कनाडा बार-बार फ्रीडम ऑफ स्पीच की, फ्रीडम ऑफ बिलीफ की, फ्रीडम फाइटर की बातें करता है, लेकिन इनसे पूछो कि 45,000 निहत्थे फिलिस्तीनी जो मारे गए हैं, उनको लेकर  क्यों आंखें बंद कर लीं. खालिस्तान को तो बड़ा प्रोमोट किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि गाजा में गिराए जा रहे हर बम के ऊपर वेस्ट के देशों का एड्रेस होता है और खालिस्तान के साथ इनकी हमदर्दियां देखें.


साजिद तरार ने खालिस्तान के मुद्दे पर जस्टिन ट्रूडो पर तंज करते हुए कहा, 'इस वक्त अगर देखा जाए तो बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना हुआ जा रहा है. कनाडा की सरकार ने कहा है कि इस पूरे वाकिए में उन्हें अमेरिका और न्यूजलैंड का सपोर्ट है. मैं ये पूछना चाहूंगा कि पूरी दुनिया कह रही है कि आप इजरायल के साथ सीजफायर का ड्रामा करते हैं और साथ में उनको पैसा और असलाह भी दे रहे हैं. यहां आपका डबल स्टैंडर्ड है. आप खालिस्तान को बनाना चाहते हैं उन्हें प्रोटेक्शन देना चाह रहे हैं.'


भारत और कनाडा की आर्थिक स्थिति पर बात करते हुए साजिद तरार ने कहा कि जस्टिन ट्रूडो की सरकार ये भी कह रही है कि वह सरकार के ऊपर इकॉनॉमिक सेंक्शंस लगाएंगे. सेंक्शंस लगाने वालों यह देखें कि भारत इस वक्त दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है. 5.9 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और आप दसवें नंबर पर हैं भाईजान. आपकी इकोनॉमी 2.2 ट्रिलियन है. यह किस तरह लोगों को खुश करने के चक्कर में आप लोग पड़े हैं. 


उन्होंने कहा कि जस्टिन ट्रूडो की एक टांग वैसे भी हुकूमत से बाहर है. दो हफ्ते पहले ही उन्होंने अपना वोट ऑफ कॉन्फिडेंस सरवाइव किया है. कनाडा में भी एक तबका अलग होना चाहता है, जिसके लिए मूवमेंट चल चुकी हैं और अभी चल भी रही हैं. 


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