पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने फिलिस्तीन की समस्या को लेकर देश की पूर्व निर्धारित नीति से हटते हुए 'एक राष्ट्र समाधान' की पेशकश कर विवाद खड़ा कर दिया है और कार्यवाहक सरकार ने उनके बयान से दूरी बनाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है. राष्ट्रपति कार्यालय ने फिलिस्तीन के मुद्दे पर एक राष्ट्र समाधान की वकालत करते हुए शुक्रवार को विवाद खड़ा कर दिया था. हालांकि, अल्वी के कार्यालय ने कुछ ही घंटों में बयान वापस ले लिया और नया बयान जारी किया.
राष्ट्रपति कार्यालय ने शुरू में बयान जारी कर बताया था कि अल्वी ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ टेलीफोन पर बातचीत में एक राष्ट्र के समाधान का सुझाव दिया है. अल्वी की फिलिस्तीन के राष्ट्रपति से बातचीत का हवाला देते हुए विज्ञप्ति में कहा गया, 'अगर इजरायल को द्विराष्ट्र का समाधान स्वीकार्य नहीं है तो एक-राष्ट्र का समाधान ही एकमात्र रास्ता है जहां यहूदी, मुस्लिम और बड़ी संख्या में ईसाई एक साथ रहते हुए समान राजनीतिक अधिकारों का लाभ उठा सकते हैं.'
क्या बोले विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी?
ज्यादातर समाचार चैनलों ने राष्ट्रपति का बयान चलाया. यही बयान सरकारी एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान ने भी जारी किया. हालांकि, बाद में राष्ट्रपति कार्यालय ने प्रेस विज्ञप्ति वापस ले ली और नया बयान जारी किया, जिसमें विवादित प्रस्ताव का कोई जिक्र नहीं था. मंगलवार (21 नवंबर) को कार्यवाहक विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने कहा कि फिलिस्तीन के मुद्दे पर राष्ट्रपति का एक राष्ट्र समाधान इस बारे में देश के ऐतिहासिक और सैद्धांतिक रुख के अनुरूप नहीं है.
राष्ट्रपति कार्यालय ने वापस ले लिया बयान
जलील अब्बास जिलानी ने सीनेट में कहा कि प्रेस विज्ञप्ति जारी करने से पहले राष्ट्रपति कार्यालय ने उनके मंत्रालय से कोई जानकारी नहीं मांगी थी. जिलानी ने कहा कि बयान जारी होने के तुरंत बाद उनके मंत्रालय को स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने फिलिस्तीन के मुद्दे के लिए हमेशा ही द्विराष्ट्र के समाधान का सुझाव दिया है.
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