Pakistan: पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने मंगलवार को देश के उत्तर-पश्चिम में दो स्थानीय तालिबानी कमांडरों को मार गिराया. एक बयान में कहा गया कि आतंकवादी अफगानिस्तान की सीमा से लगे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एक जिले उत्तरी वजीरिस्तान में मारे गए. मुठभेड़ में मारे गए दोनों आतंकी पाकिस्तानी तालिबान के बताए जा रहे हैं जिसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान या टीटीपी के रूप में भी जाना जाता है. टीटीपी अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान से अलग एक ग्रुप है. अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे ने टीटीपी को पाकिस्तानी बलों पर हमले तेज करने के लिए प्रोत्साहित किया है, जिससे यह आशंका बढ़ गई है कि विद्रोही खैबर पख्तूनख्वा में फिर से संगठित हो रहे हैं. पाकिस्तान यह कहता रहा है कि हजारों टीटीपी आतंकवादी अफगानिस्तान में छिपे हुए हैं और अक्सर वहां से हमले करते हैं, पाकिस्तानी सैनिकों को निशाना बनाते हैं. 


तालिबान से नाखुश पाकिस्तान
दरअसल पाकिस्तान प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) सहित अन्य आतंकी समूहों को खत्म करने को लेकर तालिबान सरकार की अनिच्छा से हाल के दिनों में काफी निराश हुआ है. तालिबान नेतृत्व इस तरह की कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि इन समूहों ने तालिबान के साथ अमेरिका के नेतृत्व वाले विदेशी बलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और इनकी विचारधारा एक जैसी है.


तालिबानी सरकार ने उठाया ये कदम 
हालांकि पिछले महीने अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार ने इस्लामाबाद की ओर से कड़ा विरोध दर्ज कराए जाने के बाद आतंकवादी समूहों को पाकिस्तान की सीमा से लगे क्षेत्रों से हटाने के लिए कदम उठाना शुरू किया है.  लेकिन पाकिस्तान की तरफ से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि वह सिर्फ इतनी कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है, लेकिन कम से कम तात्कालिक रूप से सीमा पार से हमलों को रोकने के तालिबान के फैसले को स्वीकार करता है.


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