यूएन: भारत की परोक्ष आलोचना करते हुए पाकिस्तान ने यूएन सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के स्थायी सदस्यों की संख्या बढाने के कुछ यूएन सदस्यों की मांग की निंदा की और कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व और जवाबदेही के मूल नियमों को उल्लंघन करेगा. यूएन में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने यहां सुरक्षा परिषद सुधारों पर अंतर सरकारी चर्चा में कहा, ‘‘हम सुरक्षा परिषद में सुधार को लेकर इसलिए उलझे हुए हैं क्योंकि हममें से कुछ ऐसा दर्जा चाहते हैं जो लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व और जवाबदेही के मूल नियमों का उल्लंघन है.’’

मलीहा ने भारत या ‘जी 4 ब्लाक’ के अन्य देशों जापान, ब्राजील और जर्मनी का नाम नहीं लिया. उनका कहना है कि पाकिस्तान का 15 राष्ट्रों के यूएनएससी में अधिकारपूर्ण स्थान है और इस संस्था का स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों में विस्तार होना चाहिए ताकि इसमें ज्यादा प्रतिनिधित्व हो और यह विश्व के बदलते रूप को प्रदर्शित करे.

यूएन में पाकिस्तान के मिशन द्वारा मलीहा के भाषण में कहा गया कि नाम लिये बिना वह उन देशों के समूहों का जिक्र कर रही थीं जो खुद को जी- 4 बोलता है जिसमें भारत, जापान, ब्राजील और जर्मनी शामिल हैं.