इस्लामाबाद: भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले पाकिस्तान में उथलपुथल का सबसे खौफनाक दौर चल रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को कुर्सी से उतारने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. एक, दो नहीं बल्कि पूरे 11 विपक्षी दलों ने मिलकर विद्रोह की आवाज बुलंद कर दी है और इस बगावत की सबसे बड़ी झलक 16 अक्टूबर को दिखेगी.


11 विपक्षी पार्टियों की इमरान सरकार के खिलाफ बगावत
पाकिस्तान जब से वजूद में आया है उसके बाद पहली बार पाकिस्तानी सेना के खिलाफ आवाज उठ रही है. पाकिस्तान वो मुल्क है जहां सेना के खिलाफ किसी ने बोलने की हिम्मत नहीं की और जिसने की उसे उसकी सजा भुगतनी पड़ी. लेकिन इस धारणा को तोड़ते हुए पाकिस्तान की 11 विपक्षी पार्टियों ने मिलकर विरोध का झंडा बुलंद कर दिया है.


मरियम नवाज हैं कर रही हैं इमरान के खिलाफ मोर्चे की अगुवाई
इस विरोध का चेहरा बन गई हैं पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज. मरियम नवाज पाकिस्तान सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दोनों को एक साथ चुनौती दे रही हैं. मरियम नवाज ने इमरान को पीएम का सिंहासन खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया है.


पाकिस्तानी मुस्लिम लीग की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने कहा है कि साल खत्म होने से पहले ही इमरान सरकार की घर वापसी हो जाएगी और इसकी पहली झलक गुजरांवाला में मिलने वाली है. 16 अक्टूबर को पाकिस्तान के गुजरांवाला में एक विशाल जनसभा का आयोजन होने वाला है. इस जनसभा में शिरकत करने के लिए मरियम बड़ी रैली करते हुए गुजरांवाला पहुंचेंगी.


 16 अक्टूबर को गुजरांवाला में इमरान विरोधी बहुत बड़ी रैली
इमरान सरकार के खिलाफ 11 विपक्षी दलों ने मिलकर एक गठबंधन बना लिया है, गठबंधन का नाम PDM यानि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट है. ये गठबंधन तीन चरणों में आंदोलन करने वाला है और इसका पहला चरण गुजरांवाला में होगा. 16 अक्टूबर को गुजरांवाला में इमरान खान से इस्तीफा देने की मांग की जाएगी और साथ ही पाकिस्तान सरकार के कामकाज में सेना की दखलअंदाजी पर लगाम लगाने की आवाज बुलंद होगी.


इमरान विरोधी मोर्चे में मौलाना फजलुर्र रहमान भी शामिल
पाकिस्तान में होने जा रही सबसे बड़ी बगावत में मरियम नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बिलावल भुट्टों के अलावा जमात-ए-उलेमा-ए-इस्लाम केफजलुर्र  रहमान भी शामिल हैं. मौलाना फजलुर्र रहमान जिन्होंने पिछले साल अकेले ही पाकिस्तान की पूरी सत्ता को हिलाकर रख दिया था.


फजलुर्र रहमान ने इमरान के खिलाफ आजादी मार्च निकाला था और तस्वीरें देखकर लग रहा था कि इमरान की कुर्सी किसी कीमत पर नहीं बच पाएगी. पिछली बार मौलाना मान गए थे लेकिन इस बार 11 पार्टियों ने मिलकर पाकिस्तान की तस्वीर बदलने की योजना बनाई है. इस बार एजेंडा सिर्फ इमरान को सत्ता से हटाने का नहीं बल्कि सरकार पर सेना की हुकूमत को खत्म करना भी है.


रैली के लिए गुजरांवाला को ही क्यों  चुना गया?
गुजरांवाला को पहली रैली के लिए चुना गया है क्योंकि गुजरांवाला बीच हैं, गुजरांवाला से लाहौर, फैसलाबाद, शेखुपुरा और सियालकोट इन चारों इलाकों तक संदेश पहुंचाना है. ये चार इलाके मिलकर 4 करोड़ की आबादी तय करते हैं, यानि लगभग एक चौथाई पाकिस्तान को पहली रैली में समेटना है.


सबसे बड़ा सवाल- इमरान को अपनी कुर्सी छोड़कर इस बार जाना होगा?
पाकिस्तानी सेना सरकार के कामों में सिर्फ दखल ही नहीं देती बल्कि बड़े बडे़ पदों पर अपने प्यादे बिठा देती है ताकि मुहर सरकार की हो लेकिन फैसले सेना के. लेकिन अब इंतजार इस बात का है कि पाकिस्तान के इतिहास जो जिस तरह का विद्रोह पहली बार होने जा रहा है क्या वो वाकई पाकिस्तान की हुकूमत को सेना के शिकंजे से आजाद करा पाएगा.. और क्या सेना की कठपुतली बने इमरान को अपनी कुर्सी छोड़कर इस बार जाना होगा?


पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री इमरान खान को जारी किया नोटिस, पब्लिक फंड के इस्तेमाल का है मामला


दिल्ली: गिलगिट-बाल्टिस्तान को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के खिलाफ हिन्दू सेना का प्रदर्शन, जलाए गए इमरान खान के पोस्टर