पाकिस्तान: श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीटकर हत्या के मामले में 89 लोग दोषी करार, 6 को मृत्युदंड, सात को उम्रकैद की सजा
कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों सहित 800 से अधिक लोगों की भीड़ ने तीन दिसंबर को सियालकोट जिले में ईशनिंदा के आरोपों को लेकर प्रियंता कुमारा की हत्या कर दी थी.
पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत पिछले साल दिसंबर में देश के पंजाब प्रांत में एक श्रीलंकाई नागरिक की पीट-पीट कर हत्या किए जाने के मामले में सोमवार को 89 लोगों को दोषी ठहराया. अदालत ने छह आरोपियों को मृत्युदंड जबकि सात को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. पाकिस्तान के समा न्यूज चैनल के हवाले से न्यूज एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी दी है.
बता दें कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों सहित 800 से अधिक लोगों की भीड़ ने तीन दिसंबर को लाहौर से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित सियालकोट जिले में एक कपड़ा कारखाने पर ईशनिंदा के आरोपों को लेकर हमला किया था और इसके महाप्रबंधक प्रियंता कुमारा (47) की हत्या कर दी थी और उनके शव को आग लगा दी थी.
An anti-terrorism court announced the verdict in Sri Lankan citizen Priyantha Kumara's lynching case; 89 people have been convicted: Pakistan's Samaa
— ANI (@ANI) April 18, 2022
उग्गोकी थाना प्रभारी अरमाघन मक्त की अर्जी पर आतंकवाद निरोधक कानून के तहत राजको इंडस्ट्रीज के श्रमिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. इसके बाद इस मामले में कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया.
घटना की पाकिस्तान में हुई कड़ी निंदा
इस घटना की पूरे पाकिस्तान में कड़ी निंदा हुई और अपराधियों को जल्द से जल्द दंडित किए जाने की मांग उठी. पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने इस मामले में 12 मार्च को 89 लोगों को आरोपित किया. पुलिस द्वारा दाखिल चालान के अनुसार आरोपियों में से 80 लोग बालिग और नौ लोग नाबालिग हैं. न्यायाधीश नताशा नसीम की अदालत ने लाहौर की कोट लखपत जेल में मुकदमे की सुनवाई की.
‘डॉन’ समाचार पत्र के अनुसार, घटना के वीडियो, डिजिटल सबूत, डीएनए साक्ष्य, फॉरेंसिक सबूत और भीड़ से कुमारा को बचाने की कोशिश करने वाले उनके सहकर्मियों समेत गवाहों के बयान जांच का हिस्सा थे.
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