Pakistan Former PM Nawaz Sharif: पाक के पूर्व PM नवाज शरीफ को मिली राहत! तोशाखाना मामले में NAB कोर्ट ने दिए मर्सिडीज, लैंड क्रूजर समेत अन्य प्रॉपर्टी लौटाने के आदेश
Pakistan: साल 2020 में इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत ने तोशाखाना संदर्भ में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की संपत्ति और संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया.
Pakistan Former PM Nawaz Sharif Properties: पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) को बड़ी राहत मिली है. ARY न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत ने शुक्रवार (10 नवंबर) को तोशाखाना से जुड़े मामले में जब्त की गई प्रॉपर्टी को लौटाने का आदेश दिया है.
National Accountability Bureau (NAB) के जज मोहम्मद बशीर ने PML-N सुप्रीमो के आवेदन पर प्रॉपर्टी लौटाने का आदेश दिया है. आपको बता दें कि नवाज शरीफ तोशाखाना मामले में अपराधी घोषित हुए थे, जिसके बाद पंजाब की प्रांतीय सरकार की तरफ से उनकी प्रॉपर्टी को जब्त कर लिया था.
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने जब्त की गई प्रॉपर्टी को वापस पाने के लिए एक अपील की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए NAB के जज मोहम्मद बशीर ने शरीफ के हक में फैसला सुनाया. साल 2020 में इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत ने तोशाखाना मामले पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की प्रॉपर्टी को जब्त करने का आदेश दिया था.
पूर्व पीएम नवाज शरीफ की प्रॉपर्टी
2020 में इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत ने तोशाखाना संदर्भ में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की संपत्ति और संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया. जवाबदेही अदालत द्वारा तोशाखाना संदर्भ में नवाज शरीफ को 'घोषित अपराधी' घोषित किया गया था और उनकी लगातार गैर-उपस्थिति के लिए उनका स्थायी गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया था. कोर्ट ने नवाज के नाम लाहौर में मौजूद 1,650 एकड़ खेती-बाड़ी वाली जमीन और शेखुपुरा में 102 एकड़ जमीन इसके साथ ही मुरी में उनके घर को भी जब्त कर लिया गया था.
नवाज शरीफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट
आपको बता दें कि National Accountability Bureau (NAB) कोर्ट ने तोशाखाना मामले में नवाज शरीफ को पिछले महीने जमानत दे दी थी. 3 बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ के खिलाफ लंदन से 4 साल बाद लौटने के पहले गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. हालांकि, बाद में 19 अक्टूबर को तोशाखाना मामले में जारी गिरफ्तारी वारंट को खारिज कर दिया गया.
उन्होंने जज मुहम्मद बशीर की अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. वो साल 2019 में सरकार गिरने के बाद ब्रिटेन चले गए थे. उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. हालांकि, बाद में 21 अक्टूबर को चार सालों बाद वापस वतन लौटे और 24 अक्टूबर को कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
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