Pakistan-Afghanistan: पहले बरसाए बम और बिगाड़ी बात, अब बदल लिए जज्बात, क्यों इस मुल्क के करीब जाने लगा पाकिस्तान?
Pakistan-Afghanistan Relations: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पिछले कुछ वर्षों से सीमा पर तनाव चल रहा है. हालांकि, अब दोनों विवाद सुलझाना भी चाहते हैं.
Pakistan-Afghanistan Tensions: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तालिबान की वापसी के बाद से ही सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. सीमा विवाद की वजह से पाकिस्तानी सरकार और तालिबान दोनों आमने-सामने हैं. हाल ही में पाकिस्तान ने अपने पड़ोसी मुल्क में घुसकर दो प्रांतों में एयरस्ट्राइक भी कर दी. हालांकि, अब तालिबान से दूरी बनाने वाला पाकिस्तान उससे बातचीत करने और उसके करीब जाने के लिए अफगानिस्तान में पहुंचा है.
दरअसल, पाकिस्तान के कॉमर्स मिनिस्ट्री का प्रतिनिधिमंडल सोमवार (25 मार्च) को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंचा है. अफगान कॉमर्स मिनिस्ट्री के प्रवक्ता अब्दुल सलाम जवाद ने बताया है कि अफगानी प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कॉमर्स मिनिस्टर नुरुद्दीन अजीजी करेंगे. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने भी पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के काबुल जाने की पुष्टि की है, जिसका नेतृत्व कॉमर्स सेक्रेटरी खुर्रम आगा कर रहे हैं.
क्यों अफगानिस्तान के करीब जाने लगा पाकिस्तान?
पाकिस्तान की हरकतों से दुनिया वाकिफ है. ऐसे में बिना किसी मतलब से वह अफगानिस्तान से नहीं सट रहा है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय का कहना है कि वह अपने पड़ोसी देश के साथ व्यापार और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देना चाहता है. पिछले कुछ सालों में जिस तरह से रिश्ते बिगड़े हैं, इस्लामाबाद अब उन्हें सुधारना चाहता है. वह नहीं चाहता है कि दुनिया में उसकी छवि एक ऐसे मुल्क के तौर पर बन जाए, जो अपने पड़ोसियों के लिए सिरदर्द है.
अफगान कॉमर्स मिनिस्ट्री के प्रवक्ता ने बताया कि जवाद ने बताया कि पाकिस्तान संग द्विपक्षीय मुद्दों और व्यापार पर बात होगी. हम कई वस्तुओं पर लगाए गए बैन के मुद्दे को भी उठाने वाले हैं. पाकिस्तान ने ट्रांजिट एग्रीमेंट के तहत कुछ वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस प्रतिबंध की वजह से 50 फीसदी ट्रांजिट ट्रेड कम हो गया है या फिर वो ईरान ट्रांसफर हो गया है. पाकिस्तान जल्द से जल्द अफगानिस्तान संग सारे विवाद भी सुलझाना चाहता है.
पाकिस्तान के अफगानिस्तान के करीब जाने की वजह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तानी यानी टीटीपी भी है. टीटीपी को तालिबान का सपोर्ट मिलता रहा है और उसके आतंकी अफगानिस्तान में छिपे हुए हैं. ऐसे में पाकिस्तान उम्मीद कर रहा है कि तालिबान सरकार को मनाकर टीटीपी आतंकियों का खात्मा किया जाए. बलूचिस्तान में पहले से ही हमले झेल रहा पाकिस्तान नहीं चाहता है कि अब उसे टीटीपी की तरफ से भी चुनौती मिलने लगे.
अफगानिस्तान में हुई एयरस्ट्राइक
दोनों मुल्क बातचीत की टेबल पर ऐसे वक्त में आ रहे हैं, जब हाल ही में पाकिस्तानी एयरफोर्स ने अफगानिस्तान के पाकतिया और खोस्त प्रांत में एयरस्ट्राइक की. अफगान अधिकारियों ने कहा कि इस हमले में तीन बच्चों समेत आठ लोगों की मौत हुई. पाकिस्तान ने अपने बचाव में कहा कि वह टीटीपी के आतंकियों को टारगेट कर रहा था, जिसके लिए हमले किए गए. 18 मार्च को हुए हमले से कुछ दिन पहले ही टीटीपी आतंकियों के आत्मघाती हमले में 7 पाकिस्तानी जवान मारे गए थे.