Pakistan-China Relation: चीन के लिए रोड़ा बन गए थे इमरान खान, ड्रैगन को पहुंचाया 60 अरब डॉलर का नुकसान, शहबाज सरकार के मंत्री का खुलासा
Pakistan-China: पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार ने चीन को आश्वस्त किया था कि यहां जो भी सरकार सत्ता में आएगी, वह CPEC के बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी परियोजना में परेशानी पैदा नहीं करेगी.
Pakistan-China Relation: पाकिस्तान (Pakistan) के प्लानिंग मिनिस्टर एहसान इकबाल (Ahsan Iqbal) ने दावा किया कि चीन ने 2018 के आम चुनावों से पहले पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार को किसी भी तरह के नए प्रयोग के खिलाफ चेतावनी दी थी. मंत्री ने शनिवार (8 जुलाई) की रात एक निजी समाचार चैनल जियो टीवी के एक कार्यक्रम के दौरान यह दावा किया.
कार्यक्रम के दौरान इकबाल ने 60 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) को नुकसान पहुंचाने को लेकर इमरान खान की तत्कालीन पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ नीत सरकार पर निशाना साधा.
चीन ने पाकिस्तान को दी थी चेतावनी
जियो टीवी ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के नेता के हवाले से कहा कि चीन ने कूटनीतिक तरीके से तत्कालीन सरकार को किसी भी नए प्रयोग से बचने के लिए (एक संदेश) देने की कोशिश की थी, क्योंकि नए प्रयोग से CPEC को नुकसान पहुंचता. पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार ने चीन को आश्वस्त किया था कि यहां जो भी सरकार सत्ता में आएगी, वह CPEC के बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी परियोजना में परेशानी पैदा नहीं करेगी.
योजना मंत्री ने कहा कि चीन ने सरकार से चुनावों में हस्तक्षेप नहीं करने को कहा था क्योंकि परिवर्तन का कोई भी प्रयोग पाकिस्तान के लिए फायदेमंद नहीं होगा और CPEC को नष्ट कर देगा.
PTI पर CPEC परियोजना को बदनाम करने का आरोप
एक सवाल के जवाब में मंत्री ने देश की प्रगति और विकास के लिए नीतियों की निरंतरता की आवश्यकता पर बल दिया. इकबाल ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पर CPEC परियोजना को बदनाम करने का आरोप लगाया और कहा कि परियोजना के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए और पश्चिमी देशों की मीडिया ने इमरान खान की पार्टी के नेताओं के तरफ से दिए गए विवादास्पद बयानों को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया.
उन्होंने कहा कि इमरान खान नीत सरकार के दौरान मंत्री रहे मुराद सईद ने उनके खिलाफ CPEC से जुड़े आधारहीन भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. इकबाल ने दावा किया कि इमरान खान नीत तत्कालीन सरकार ने आधारहीन आरोपों, चीनी श्रमिकों के वीजा नवीनीकरण में देरी और अन्य रणनीति के माध्यम से PML-N के ओर से CPEC परियोजना को बर्बाद कर दिया.
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