Pakistan: चौतरफा हो रहे हमलों ने PM Imran Khan को किया बेबस, जानिए क्या कहते हैं आंकड़े
Pakistani PM Imran Khan News: चौतरफा हमलों में इमरान को सबसे बड़ी चोट अपनी पार्टी के बागी सदस्यों से मिली. 10 मंत्रियों समेत 24 सांसद बागी हैं और पार्टी के बड़े नेताओं ने भी बगावत कर दी है.
Pakistani PM Imran Khan News: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हर गुजरते दिन के साथ और ज्यादा घिरते जा रहे हैं. इमरान खान अपनी सरकार बचाने के चाहे जितने जतन कर लें, लेकिन चौतरफा हो रहे हमलों ने इमरान को बेबस कर दिया है. एक ओर जहां विपक्ष लगातार हमलावर है. वहीं, 50 सदस्यों ने इमरान का साथ छोड़ दिया है. सेना से 36 का आंकड़ा पहले ही चल रही है और अब इमरान की सहयोगी पार्टियां उनका साथ छोड़ चुकी हैं.
इमरान पर चौतरफा हमले
- बागी हुए PTI के सदस्य
- सहयोगियों ने छोड़ा साथ
- विपक्ष है हमलावर
- सेना ने बनाई दूरी
चौतरफा हमलों में इमरान खान को सबसे बड़ी चोट मिली अपनी पार्टी के बागी सदस्यों से. खबर आ रही है कि 10 मंत्रियों समेत 24 सांसद बागी हैं. इतना ही नहीं पार्टी के बड़े नेताओं ने भी बगावत कर दी है. पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक PTI से जुड़े 50 खास सदस्य अब राजनीतिक मोर्चे से 'लापता' हो गए हैं. ये सभी मंत्री इमरान खान की कैबिनेट और पीटीआई की प्रांतीय सरकारों से जुड़े हुए हैं. इमरान हर तरफ से घिर चुके हैं. इन खबरों पर इमरान के करीबी लोगों ने कई मंत्रियों ने चुप्पी साध रखी है, लेकिन पाकिस्तान में सियासी अटकलों का बाजार और गरम हो गया है.
सेना ने भी इमरान का साथ छोड़ा
पाकिस्तानी मीडिया के खबरों के मुताबिक, बर्बाद हो रही इकोनॉमी और बिगड़ते हालात को देखते हुए सेना चाहती है कि पाकिस्तान में मिलीजुली सरकार बनाई जाए. फौज भले ही दखल देकर मिलीजुली सरकार के लिए कोशिश कर रही हो, लेकिन ऐसा होना तकरीबन नामुमकिन ही लग रहा है, क्योंकि इमरान खान कई बार पब्लिक प्लेटफॉर्म पर यह कह चुके हैं कि वो शहबाज शरीफ, आसिफ अली जरदारी और मौलाना फजलुर-रहमान जैसे करप्ट लोगों के साथ खड़ा होना भी पसंद नहीं करेंगे. वहीं ओपोजीशन अच्छी तरह जानता है कि अगर फौज ने इमरान का साथ नहीं दिया और वो न्यूट्रल रही तो इमरान को नो कॉन्फिडेंस मोशन पर करारी शिकस्त मिलना तय है.
साफ है कि न सिर्फ सेना चाहती है कि पाकिस्तान में एक नई सरकार बनाई जाए, बल्कि पाकिस्तानी मीडिया भी इमरान सरकार के चले जाने को ही देश हित में मान रही है. वर्तमान में पाकिस्तान की जो दुर्दशा हुई है, उसके लिए सब एक सुर में इमरान खान को ही जिम्मेदार मान रहे हैं. माना जा रहा है कि फौज के मुंह मोड़ने के बाद 27 मार्च को होने वाली इमरान की मेगा रैली हाथ से फिसलती सत्ता को बचाने की उनकी आखिरी कोशिश है.
इमरान के खिलाफ विपक्ष एकजुट
इमरान के खिलाफ विपक्ष हाथ मिला चुका है. विपक्ष के कार्यकर्ता इस्लामाबाद में जुटने शुरू हो चुके हैं. पीएमएल-एन का नेतृत्व कर रहीं पूर्व पीएम नवाज़ शरीफ की बेटी मरियम नवाज शरीफ ने एक रैली में कहा- ''वह हमें चूहे कहते हैं और खुद भाग रहे हैं. आप चूहे हैं, इमरान खान.''
تمہارا ٹرمپ کارڈ یہ ہے کہ تم سیاست سے دستبردار ہوجاؤ کیونکہ جتنی آپکی بےعزتی آپکی ہوچکی ہے اب صرف استعفے سے بات نہیں بنے گی تمہیں گھر جانا پڑے گا.@MaryamNSharif pic.twitter.com/arWLD22n1Q
— PML(N) (@pmln_org) March 25, 2022
इमरान से अलग हो रही हैं सहयोगी पार्टियां
तीन बड़े सहयोगी दलों ने विपक्ष से हाथ मिलाने का फैसला किया है. ये दल हैं-
- मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान
- पाकिस्तान मुस्लिम लीग क्यू
- और बलूचिस्तान अवामी पार्टी.
क्या कहते हैं आंकड़े?
आंकड़े भी इमरान का साथ नहीं दे रहे. इमरान को पहले 176 सांसदों का समर्थन हासिल था, लेकिन 24 सांसदों के बागी होने के बाद अब इमरान सरकार के साथ 152 सांसद ही खड़े हैं. यानी 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में इमरान खान बहुमत के 172 के आंकड़े से काफी पीछे हैं. पाकिस्तान नेशनल असेंबली का ऐतिहासिक सत्र 28 मार्च को होना है, लेकिन 27 मार्च की रैली में ये खतरा भी जताया जा रहा है कि भीड़ का इस्तेमाल अपनी सियासी ताकत दिखाने के साथ साथ हिंसा के लिए भी किया जा सकता है, लेकिन सारी कवायद के बावजूद फिलहाल जो हालात है, उनमें अगर 28 मार्च को इमरान खान का विकेट गिरता साफ नजर आ रहा है.
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