इस्लामाबाद: पड़ोसी देश पाकिस्तान में इन दिनों ‘आजादी मार्च’ चल रहा है. इस मार्च के हजारों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन प्रदर्शन का नेतृत्व पाकिस्तान के सबसे बड़े धार्मिक गुट जमीयत-उल-इस्लाम के नेता मौलाना फलुर रहमान कर रहे हैं. मौलाना फलुर पीएम इमरान खान के इस्तीफे, देश में नया चुनाव और एनआरओ (नेशनल रेकन्सिलिएशन आर्डिनेंस) पर अड़े हैं, वहीं सरकार ने इन मांगों को खारिज कर दिया है. जानिए आजादी मार्च आखिरकार क्या है?


बेरोजगारी, गरीबी और महंगाई से जूझ रही है पाकिस्तान की जनता 


दरअसल पूर्व क्रिकेटर से पीएम बने इमरान खान को सत्ता संभाले करीब 14 महीने हो चुके हैं. उनके कार्यकाल में पाकिस्तान की जनता बेरोजगारी, गरीबी और महंगाई से जूझ रही है. इसी को लेकर इमरान खान के खिलाफ सभी विपक्षी पार्टियां लामबंद हो गईं और मौलाना फलुर रहमान के नेतृत्व में इमरान खान के इस्तीफे की मांग करने लगीं. इस दौरान पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद सहित कई बड़े शहरों से 27 अक्टूबर को आजादी मार्च की शुरुआत हुई.


आजादी मार्च के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे लोगों ने हाल के दिनों में अपना प्रदर्शन और तेज कर दिया. पाकिस्तान में इसका बड़ा असर देखने को मिला. इसी के साथ विदेशी मीडिया भी इस मार्च को प्रमुखता से छापने लगी, जिसकी वजह से इमरान खान सरकार की नाकामी पूरी दुनिया में उजागर हो गई.


मौलाना के सामने झुके बेबर इमरान खान


आजादी मार्च के दौरान मौलाना ने इमरान खान को इस्तीफे के लिए दो दिन का अल्टीमेटम दिया, जो खत्म हो गया है. हालांकि अब इमरान खान सरकार ने जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के साथ सीधी बातचीत करने का फैसला किया है. इससे पहले इमरान सरकार ने कहा था कि मौलाना की मांगों पर विचार का कोई सवाल ही नहीं उठता. मौलाना ने इमरान सरकार को दो दिन अल्टीमेटम देने के दौरान चेताया था कि अगर इमरान खान इस्तीफा नहीं देते तो उनके समर्थक पीएम आवास पर धावा बोल देंगे.


अब 'हम इस देश को चलाएंगे- मौलाना


फजलुर रहमान ने आर्थिक नीतियों के कारण भी सरकार की कड़ी आलोचना की और मौजूदा सरकार को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया. उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने पहले साल में ही पिछले 70 सालों की सरकारों की तरफ से लिए गए इकट्ठे ऋण से ज्यादा कर्जा ले लिया. इमरान खान की सरकार के दौरान मंहगाई बढ़ गई. पाकिस्तान में गरीब जनता अपने बच्चों के लिए राशन तक खरीदने में असमर्थ है. मौजूदा सरकार का समय खत्म हो गया है और अब 'हम इस देश को चलाएंगे.’’


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