बीजिंग: चीन ने पाकिस्तान के टॉप आर्मी जनरल के आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि भारत ने 50 करोड़ डॉलर की लागत से एक विशेष खुफिया यूनिट बनाई है ताकि चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरीडोर (CPEC) में बाधा डाली जा सके.


चीन ने कहा कि उसके पास इस तरह की कोई ख़बर नहीं है. पाकिस्तान के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमिटी के जनरल जुबैर महमूद हयात ने 14 नवम्बर को आरोप लगाया था कि भारत ‘अराजकता’ फैला रहा है.


उन्होंने आरोप लगाए कि भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी रॉ ने CPEC में बाधा डालने के लिए 50 करोड़ डॉलर की लागत से एक स्पेशल यूनिट का गठन किया है. उन्होंने भारत पर अशांत बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवाद को हवा देने के भी आरोप लगाए.


चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु किंग ने आरोपों के बारे में पूछने पर कहा, ‘‘हमारे पास इस तरह की कोई रिपोर्ट नहीं है.’’ भारत के खिलाफ आरोपों से चीन का इंकार काफी महत्व रखता है क्योंकि बीजिंग और इस्लामाबाद के रिश्ते ‘बहुत मजबूत’ माने जाते हैं.


CPEC के पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से गुजरने पर भारत की आपत्तियों की तरफ इशारा करते हुए लु ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि CPEC को क्षेत्रीय देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ज्यादा समर्थन और मान्यता मिलेगी.’’


पाकिस्तान के टॉप ऑफिसर रॉ पर CPEC को बाधित करने के आरोप लगाते रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान के सुरक्षा बलों को बलूचिस्तान राष्ट्रवादी बलों के साथ ही बलूचिस्तान प्रांत में इस्लामिक स्टेट के कई हमलों का सामना करना पड़ा था.


CPEC चीन के अशांत शिनजियांग प्रांत को बलूचिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है.